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जनवरी के अंत तक परवेज मुशर्रफ के पाकिस्तान छोड़ने की संभावना
2014-01-10 18:55:53

पाकिस्तान की विशेष अदालत ने 9 जनवरी को पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की चिकित्सा रिपोर्ट की जांच पर फैसला सुनाया कि उनको 16 जनवरी को अदालत में पेश होना है ताकि उनके खिलाफ देशद्रोह अपराध के आरोप पर सुनाई की जा सके। पाक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार परवेज मुशर्रफ ने कई बार बल देकर कहा था कि मुकदमा समाप्त होने से पहले वे पाकिस्तान नहीं छोडेंगे ,लेकिन पाक सेना की जबरदस्त दखलअंदाजी के कारण उनके इस महीने के अंत तक इलाज के बहाने पाकिस्तान से रवाना होने की संभावना है।

2 जनवरी को विशेष अदालत जाने के रास्ते में अस्वस्थ महसूस करने के बाद 70 वर्षीय मुशर्रफ इस्लामाबाद के पास स्थित सेना के एक हृदय रोग अनुसंधान संस्था के अस्पताल में भर्ती कराये गये । सेना के अस्पताल ने मुशर्रफ की बीमारी के बारे में अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। कहा जाता है कि डाक्टर ने मुशर्रफ की जांच रिपोर्ट ब्रिटिश हृदय रोग विशेषज्ञों को भेजी है। ब्रिटिश विशेषज्ञ भावी इलाज प्रोग्राम तय करेंगे।

अब तक मुशर्रफ कुल चार बार विशेष अदालत की सुनवाई में अनुपस्थित हो चुके हैं ।पहले, दो बार पुलिस को मुशर्रफ के निवास से अदालत जाने के रास्ते पर विस्फोटक उपकरण मिले और बाकी दो बार मुशर्रफ की शारीरिक स्थिति के कारण। विशेष अदालत ने 9 तारीख को मुशर्रफ की चिकित्सा रिपोर्ट पढी़ और फैसला किया कि उनको 16 तारीख को अदालत में पेश होना होगा। इससे जाहिर है कि अदालत के विचार में मुशर्रफ की बीमारी गंभीर नहीं है ।

ध्यान रहे नवंबर 2007 में मुशर्रफ ने सेना की चीफ आफ स्टाफ की हैसियत से आपात स्थिति लागू की और लगभग 60 न्यायाधीशों को निरस्त किया। इस कदम से पाक संविधान के उल्लंघन का संदेह पैदा होता है। इसी कारण उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया जा रहा है। नवंबर 2013 में पाक ने औपचारिक रूप से मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाना शुरू किया और तीन सदस्यीय विशेष अदालत का गठन किया। यह पाक के इतिहास में पहली बार है कि सेना के किसी पूर्व प्रमुख पर देशद्रोह के अपराध का मुकदमा चलाया जा रहा है। अगर देशद्रोह का अपराध साबित होता है, तो मुशर्रफ को मौत व आजीवन कारावास की सजा मिलने की संभावना है।

लेकिन कुछ विश्लेषकों के विचार में अब तक इस घटनाक्रम का केंद्रीय सवाल यह नहीं है कि मुशर्रफ के आरोप की पुष्टि की जाए या परोल पर इलाज के लिए वे बाहर जाए। सबसे अहम बात है कि मुशर्रफ बाहर जाना चाहते हैं या नहीं।

पर्वेज मुशर्रफ ने अगस्त 2008 में राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया और वर्ष 2009 में ब्रिटेन में बस गए। मार्च 2013 में मुशर्रफ ने पाकिस्तान लौटकर आम चुनाव में भाग लेने की घोषणा की। लेकिन वे आम चुनाव में भाग नहीं ले सके और अप्रैल 2013 से सिलसिलेवार आरोपों के चलते नजरबंद रखे गये। 6 नवंबर 2013 को उन्हें मुक्ति मिली ।इस दौरान उन पर पांच मुकदमे चलाये गये ।लेकिन मुशर्रफ ने पाकिस्तान नहीं छोडा़ ।उऩ का कहना है कि मामले समाप्त नहीं हुए ,वे पाकिस्तान से नहीं भागेंगे ।वे तब तक लडाई लडेंगे ,जब तक उऩ का नाम उन झूठे व गढे़ गये आरोपों से एकदम अलग न हो जाएं। हाल ही में मुशर्रफ ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया के साथ हुई एक बातचीत में कहा कि उन के खिलाफ देशद्रोह का आरोप राजनीतिक दुश्मनी की मिसाल है ,जिससे पाक सेना को असंतोष है और पाक सेना उन की पक्षधर है। पर पाक सेना ने अंत तक मुशर्रफ के आरोप पर खुली टिप्पणी नहीं की है ।

रिपोर्ट के अनुसार मुशर्रफ के कई रिश्तेदार और कुछ सूचना अधिकारियों ने इस हफ्ते इस की पुष्टि की कि पूर्व राष्ट्रपति इस महीने के अंत में पाकिस्तान से चले जाएंगे। मुशर्रफ पहले मध्य पूर्व के किसी देश में जाएंगे। वहां वे ट्रांजिट कर ब्रिटेन जाएंगे और अपनी बीमार माताजी से मिलेंगे और अपनी बीमारी का इलाज भी करवाएंगे ।सूचना संस्था के एक अधिकारी ने बताया कि दोस्तों और करीबों की कोशिशों से मुशर्रफ विदेश जाने पर सहमत हुए हैं। किसी मीडिया की रिपोर्ट में लिखा गया कि मुशर्रफ को सेना अस्पताल में भर्ती करने के बाद पाक सेना ने इस अस्पताल को घेर रखा है ,जिसका मतलब है कि पाक सेना यह नहीं चाहती कि मुशर्रफ किसी सुनवाई के लिए अदालत में उपस्थित हों।

विश्लेषकों के विचार में पाक सेना पाकिस्तान की राजनीति में बडा़ महत्व रखती है। पाक सरकार मुशर्रफ के देशद्रोह की सुनवाई पर अत्यंत सावधानी बरतेगी ।

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