5 जनवरी को जापानी रक्षा मंत्री ओनोटेरा इत्सुनोरी ने अपनी 4 दिवसीय भारत की यात्रा शुरू की। भारतीय मीडिया के अनुसार 6 जनवरी को ओनोटेरा इत्सुनोरी ने अपने समकक्ष भारतीय रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी से वार्ता की, जिसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र की रक्षा स्थिति और दोनों देशों के सैन्य सहयोग पर विचार-विमर्श किया गया।
वार्ता में जापान का प्रमुख उद्देश्य रहा भारत को यू एस -2 जल एवं थल विमान की ब्रिकी पर जो़र देना। यह विमान 4700 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है, 3 मीटर की ऊंची लहरों पर भी लॉच व लैंडिंग कर सकता है। इस विमान की कीमत 10 अरब जापानी येन बतायी गयी है। अब दोनों पक्ष विस्तार से चर्चा कर रहे हैं। इसके अलावा दोनों पक्ष जापान से परमाणु संयंत्रों के आयात पर भी विचार-विमर्श करेंगे। संभव है कि इस महीने के अंत में जापानी प्रधानमंत्री शिनज़ो अबे की भारत यात्रा के दौरान संबंधित समझौते संपन्न होंगे।
गौरतलब है कि इधर के सालों में भारत और जापान ने रक्षा के क्षेत्र में मुख्य तौर पर संयुक्त सैन्याभ्यास पर कई बार सहयोग किया है। वर्ष 2011 में भारतीय रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी की तोक्यो यात्रा में दोनों देशों ने नियमित नौसेना के संयुक्त सैन्याभ्यास पर अनुमति प्राप्त की। पहला भारत-जापान समुद्री संयुक्त सैन्याभ्यास जनवरी वर्ष 2012 में जापान के आसपास समुद्रीय क्षेत्र में किया गया था, जबकि पिछले साल दिसंबर में दोनों देशों ने दूसरे समुद्री संयुक्त सैन्याभ्यास की तैयारी की।
(लिली)