ब्रिटेन स्थित चीनी राजदूत ल्यू श्याओ मिंग ने हाल में ब्रिटिश टीवी के साथ हुए एक साक्षात्कार में जापानी प्रधानमंत्री शिन्जो अबे की यासुकुनी मंदिर का दर्शन करने की कार्रवाई की निंदा की।
ल्यू श्याओ मिंग ने कहा कि हम सैन्यवाद बहाल करने में अबे की कुचेष्टा को लेकर चिंतित हैं। आज के जापान और द्वितीय विश्व युद्ध से पहले के जर्मनी में व्यापक समानताएं हैं, जो चिन्ताजनक है।
ल्यू श्याओ मिंग ने कहा कि यासुकुनी मंदिर का दर्शन करना न सिर्फ जापान के भविष्य, बल्कि शांति व युद्ध और भलाई व बुराई से जुड़े अहम मुद्दा है। अगर सैन्यवाद की बहाली नहीं रोकी गई, तो विश्व युद्ध छिड़ने की संभावना होगी। हालांकि चीन शांतिपूर्ण तरीके से सवाल का समाधान करने की आशा करता है।
(ललिता)