बांग्लादेश में 10वें संसदीय चुनाव के मतदान स्थानीय समयानुसार 5 जनवरी सुबह 8 बजे से शुरू हुए। विपक्षी दलों ने चुनाव का विरोध करने की घोषणा की, साथ ही यातायात की नाकाबंदी व हड़ताल द्वारा चुनाव का बहिष्कार किया। क्या इस बार चुनाव सुचारू रूप से हो सकेंगे? विभिन्न पक्षों का ध्यान इस पर केंद्रित हुआ है।
विपक्षी दलों के खिलाफ़ देशभर में तीन सौ चुनावी केंद्रों में से 153 में सत्तारुढ़ पार्टी के उम्मीदवार ने चुनाव में भाग लिया। इसलिये ऐसे चुनाव केंद्रों में मतदान की ज़रूरत नहीं है। बिना किसा चुनौती के ये उम्मीदवार जीत सकेंगे। बाकी 147 केंद्रों में सत्तारुढ़ पार्टी के उम्मीदवार निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ सीटों पर प्रतिस्पर्द्धा करेंगे।
मतदान दोपहर चार बजे तक चले। चुनाव के प्रारंभिक परिणाम शायद आज रात को जारी होंगे।
पहले बांग्लादेश में नियम अनुसार निर्दलीय व्यक्तियों द्वारा गठित कार्यवाहक सरकार की अध्यक्षता में चुनाव का आयोजन किया जाता था। लेकिन प्रधानमंत्री शेख हसिना के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार ने इस व्यवस्था को निरस्त किया है। विपक्षी दलों का मानना है कि इस व्यवस्था के बिना चुनाव की निष्पक्षता को सुनिश्चित नहीं किया जा सकेगा। इसलिये वे यातायात की नाकाबंदी आदि कार्रवाई करके चुनाव का विरोध कर रहे हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार 4 जनवरी को देशभर में लगभग 100 मतदान केंद्रों को नुकसान पहुंचाया गया। (चंद्रिमा)