इस साल भारत में आर्थिक वृद्धि दर पिछले दस सालों में सबसे नीची रही। रुपए में गिरावट और शेयर बाजार में झटके की वजह से आर्थिक संकट और गहरा गया। लेकिन अनुमान है कि अगले साल भारत में अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकेगी।
भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली और दूसरी तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि दर क्रमशः 4.4 और 4.8 प्रतिशत रही। भारत सरकार ने पिछले अक्तूबर में आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 5.7 फीसदी से 4.8 तक कम किया।
रुपए का अवमूल्यन इस साल भारत में सबसे बड़ी चिंता का विषय रहा। पिछले मई से अगस्त तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 68.85 तक पहुंची, जो इतिहास में सबसे नीची रही।
(ललिता)