संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने 27 दिसम्बर को अपने प्रवक्ता के जरिए जापानी प्रधान मंत्री शिंजो अबे के यासुकुमी मंदिर जाने की बात पर अपनी चिंता प्रकट की और बल देकर कहा कि जापान को दूसरे देशों, खासकर उस के आक्रमणकारी युद्ध के शिकार देशों की जनता की भावना का जरूरी सम्मान करना चाहिए और अपना ध्यान पूर्वी एशियाई देशों के साथ आपसी विश्वास और करीबी साझेदारी बनाने पर केंद्रित करना चाहिए।
बान की मून ने यह भी कहा कि उन्होंने शिजो अबे के यासुकुनी मंदिर जाने पर चीन और दक्षिण कोरिया द्वारा दी गई जबरदस्त प्रतिक्रियाएं देखी हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस क्षेत्र में संबंधित देश ऐतिहासित मुद्दे पर एकमतता और समझ बनाने की कोशिश करेंगे।