जापान के प्रधानमंत्री शिनज़ो अबे ने गुरूवार को यासुकुनी मंदिर जाकर मृतकों के प्रति आदर जताया। इसके संदर्भ में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता छिंग कांग ने कहा कि जापानी नेताओं ने काले को सफ़ेद बताया है।
यासुकुनी मंदिर में पूजा करने के बाद अबे ने कहा कि वे देश के लिये जान सौंपने वाले शहीदों का सम्मान करने के लिए मंदिर गए थे। जापान की शांति व समृद्धि उनके बलिदान पर आधारित है। अबे के अनुसार द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान ने एक स्वतंत्र एवं लोकतांत्रिक देश बनाकर हमेशा से शांतिपूर्ण विकास की राह पर कायम रहा है। जापान विश्व शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिये अपनी भूमिका निभाना जारी रखेगा।
अबे की इन बातों पर छिंग कांग ने कहा कि जापान के कुछ राजनयिक एक तरफ़ लोकतंत्र, स्वतंत्र और शांति की बातें करते हैं, दूसरी तरफ़ सैन्यवाद की प्रशंसा करते हुए विदेशों के खिलाफ़ अपने आक्रमणकारी तथा औपनिवेशिक इतिहास की साज-सजावट करते हैं, जिस तरह से लोकतंत्र, स्वतंत्र और शांति के साथ बदसलूकी की जाती है।
छिंग कांग के अनुसार सैन्यवाद की छाया जापान के ऊपर मंडरा रहा है। इतिहास का सामना करने और ज़िम्मेदारी उठाने की हिम्मत न जुटाने वाला देश, ऐतिहासिक न्याय एवं मानव के ज़मीर और द्वितीय विश्व यूद्ध के प्रमाण और युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को खुले तौर पर चुनौती देने वाला देश, इस भांति के देश को स्वतंत्र व लोकतंत्र की बात करने और विश्व शांति व समृद्धि की भूमिका निभाने का अधिकार नहीं है।(लिली)