ताज़ा निरीक्षण आंकड़ों के अनुसार अब तिब्बत में बंजर भूमि का क्षेत्रफल 2 करोड़ 16 लाख 18 हज़ार 6 सौ हेक्टेयर तक रह गया है, जो तिब्बत के पूरे क्षेत्रफल का 18 प्रतिशत भाग बनता है। वर्ष 2004 के निरीक्षण की तुलना में बंजर भूमि के क्षेत्रफल में 65 हज़ार 7 सौ हेक्टेयर की कमी आयी है। तिब्बत में बंजर भूमि के फैलाव के रुझान पर प्रारंभिक तौर पर रोक-थाम की गयी है।
इधर के 10 सालों में तिब्बत में "दक्षिण-पूर्वी तिब्बत में रेगिस्तान का निपटारा योजना", "वन व हरित क्षेत्रफल बढ़ाने के लिये चरवाहागिरी का अनुपात कम करने वाली योजना" समेत दसेक पारिस्थितिकी परियोजनाएं लागू की गयी हैं, जिन्होंने बंजर भूमि के फैलाव पर रोक लगाने के लिये अहम भूमिका निभायी है।
इसके अलावा मैथन गैस, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और बिजली जैसे वैकल्पिक ऊर्जा के प्रसार और पशुओं की संख्या पर नियंत्रण समेत कारगर कदम उठाना बंजर भूमि की समस्या के समाधान में लाभदायक हैं।
(लिली)