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जेनेवा-सम्मेलन में ईरान आमंत्रित होः मून
2013-12-24 15:16:37

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने सोमवार को न्यूयार्क में आयोजित एक पत्रकार-वार्ता में कहा कि ईरान को जेनेवा में होने वाले संबद्ध दूसरे सम्मेलन में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए, ताकि सीरिया संकट के समाधान को बढावा मिल सके।

23 दिसम्बर को फिलीपीन्स के तूफानग्रस्त इलाकों का दौरा समाप्त कर वापस न्यूयार्क लौटने के बाद बान की मून ने एक पत्रकार-वार्ता में कहा कि सीरिया-मुद्दे पर नए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन यानी दूसरे जेनेवा-सम्मेलन में भाग लेने वालों की सूची बनाने का काम पूरा होने वाला है। बान की मून ने कहाः

`गत शुक्रवार को जेनेवा में एक सम्मेलन बुलाने के बाद हम अगले वर्ष 22 जनवरी को जेनेवा में होने वाले दूसरे संबद्ध सम्मेलन की पटरी पर चल निकले हैं। मेरे और सीरिया-मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र--अरब लीग के विशेष प्रतिनिधि लखदर ब्राहिमी के बीच संबंधित ठोस काम के लिए करीबी संपर्क जारी है। ठीक जैसा ब्राहिमी ने गत शुक्रवार को घोषणा की कि दूसरे जेनेवा-सम्मेलन में हिस्सा लेने वालों की सूची बनाने का काम पूरा होने वाला है। मुझे उम्मीद है कि इस सम्मेलन में ईरान की भागीदारी से जुड़े सवाल का समाधान जल्द ही किया जाएगा। मैं कह चुका हूं कि ईरान को इस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ मिलकर सीरिया में शांति स्थापना पर जोर देना चाहिए।`

बान की मून ने दावा किया कि इस महीने के अंत से पहले वो संबंधित पक्षों को आमंत्रित करेंगे। लेकिन दूसरे जेनेवा-सम्मेलन में ईरान की भागीदारी पर विवाद अब भी मौजूद है। उन्होंने कहा

`दुर्भाग्यवश इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मुख्य सदस्य देशों में मतभेद बना रहा है। उसे जल्द ही दूर करने की हम कोशिश कर रहे हैं।`

बान की मून ने दोहराया कि वो और विशेष प्रतिनिधि ब्राहिमी दोनों दूसरे जेनेवा-सम्मेलन में ईरानी की भागीदारी का समर्थन करते हैं। बान की मून ने यह भी कहाः

`ईरान सीरिया संकट के समाधान में अपनी अहम भूमिका अदा कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह इस क्षेत्र में एक अत्यंत महत्वपूर्ण देश है। विभिन्न स्तरों पर देखा जाए, तो उसे इस सम्मेलन में भाग लेना चाहिए। दूसरी तरफ़ सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों को वचन देना चाहिए, ताकि सम्मेलन में प्राप्त होने वाली उपलब्धियां प्रभावी और व्यापक तौर पर हकीकत में तब्दील हो सके।`

गौरतलब है कि इससे पहले सीरिया-मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र--अरब लीग के विशेष प्रतिनिधि ब्राहिमी ने जेनेवा में होने वाले दूसरे संबद्ध सम्मेलन में भाग लेने वालों की प्रारंभिक सूची घोषित की थी। इसके अनुसार संयुक्त राष्ट्र, उसकी सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य देशों, अरब लीग, यूरोपीय संघ और इस्लामिक सहयोग संगठन के प्रतिनिधियों के अलावा सीरिया के प्रमुख पड़ोसियों—तुर्की, लेबनान, जोर्डन और इराक, मध्यपूर्व क्षेत्र के सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, स्वीडन, कनाडा, ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका आदि 26 देशों के प्रतिनिधि भी दूसरे जेनेवा-सम्मेलन में भाग लेंगे। लेकिन अमेरिका और सीरियाई विपक्ष को इस सम्मेलन में ईरान की भागीदारी को लेकर एतराज है। उनकी नजर में ईरान सीरिया सरकार का मुख्य समर्थक है।

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