भारतीय लोक सभा ने 18 दिसंबर को भ्रष्टाचार विरोधी बिल (लोकपाल बिल) पारित कर दिया। जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का रास्ता साफ हुआ है।
इससे पहले यह बिल राज्य सभा में पारित हो चुका है। भारत के नए कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि बिल पारित होना मील के पत्थर जैसा है।
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बिल औपचारिक रूप से कानून बन जाएगा। बताया जाता है कि विधेयक लागू होने के बाद संबंधित विभाग प्रधानमंत्री समेत सभी सरकारी कर्मचारियों की जांच करने में हकदार होंगे। और जांच का काम छह महीनों में पूरा करना होगा। भ्रष्टाचार में शामिल कर्मचारियों को दो साल में सजा सुनाई जाने के साथ-साथ सभी अवैध संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
(ललिता)