भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को घोषणा की कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और आर्थिक वृद्धि को बरकरार रखने के लिए उसने वर्तमान नीतिगत दर 'रेपो' को 7.75 प्रतिशत पर बनाये रखने का निर्णय लिया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार मौद्रिक नीति को नहीं बदलने का रिजर्व बैंक का यह निर्णय बढ़ती मुद्रास्फीति-दर और धीमी गति से हो रही आर्थिक वृद्धि की समीक्षा करने के बाद लिया गया है। लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में ब्याज-दर को बढाने की संभावना बनी रही है।
इससे पहले जारी आंकड़ों से पता चला है कि भारत में मुद्रास्फीति लगातार कई महीनों से बढती गई है। गत नवम्बर में थोक मूल्य मुद्रास्फीति 14 महीने के उच्चस्तर 7.52 प्रतिशत और खुदरा मूल्य मुद्रास्फीति 11.24 प्रतिशत पर पहुंच गई।