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चीन व अमेरिका संबंध मजबूत करेंगे
2013-12-05 17:47:27

अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 4 दिसंबर के दोपहर पेइचिंग पहुंचकर चीन की 28 घंटे की यात्रा शुरू की। इस वर्ष चीनी व अमेरिकी नेताओं ने बड़े देशों के नये संबंधों के निर्माण पर सहमति प्राप्त की। इसलिये आम राय है कि इस बार बाइडेन की चीन यात्रा को चीन-अमेरिका की कूटनीति में एक सफल अंत माना जाता है। चार दिसंबर को ही चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने जन वृहद भवन में बाइडेन के साथ चार घंटे तक लंबी वार्ता की। दोनों की समान राय है कि चीन व अमेरिका को वार्ता, आदान-प्रदान व सहयोग मजबूत करके बड़े देशों के नये संबंधों के निर्माण को बढ़ावा देने की कोशिश करनी चाहिये। बताया जाता है कि इस बार की वार्ता में शी चिनफिंग ने थाईवान, तिब्बत, पूर्वी चीन सागर के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र की स्थापना आदि मामलों पर चीन के रुख व सिद्धांत दोहराये ।

बातचीत में शी ने कहा कि मैं फिर एक बार अपने पुराने दोस्त उप राष्ट्रपति बाइडेन का चीन में स्वागत करता हूं। आशा है कि इस यात्रा से दोनों पक्षों के बीच आपसी विश्वास, आदान-प्रदान व सहयोग को और मजबूत किया जा सकेगा।

बाइडेन ने कहा कि जटिल द्विपक्षीय संबंधों से निपटने में लगातार उच्च स्तरीय आदान-प्रदान होना चाहिये। यही कारण है कि मैंने क्यों यह यात्रा की। यहां मैं राष्ट्राध्यक्ष शी को मुझे दोनों देशों के संबंधों व आदान-प्रदान को मजबूत करने का मौका देने का धन्यवाद भी देता हूं।

4 दिसंबर को दोपहर बाद दोनों नेताओं ने वार्ता में शुरू से ही सक्रियता दिखायी। अहम बात यह है कि इस बार राष्ट्राध्यक्ष शी ने सीधे उप राष्ट्रपति बाइडेन के साथ वार्ता की। बेशक यह भेंट बहुत महत्वपूर्ण है। और बाहर भी इस भेंट पर ज्यादा ध्यान केंद्रित हुआ। वार्ता का मुख्य विषय, चीन-अमेरिका के बड़े देशों के नये संबंधों को मजबूत करना व गहन करना है। शी चिनफिंग ने कहा, विश्व में सबसे बड़े आर्थिक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य देशों के रूप में चीन व अमेरिका के ऊपर विश्व शांति व स्थिरता की रक्षा करने और मानव के विकास व प्रगति को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कर्तव्य है। वार्ता व सहयोग को विकसित करना दोनों देशों का एकमात्र सही चुनाव है। भविष्य की दृष्टि से हम अमेरिका के साथ बड़े देशों के नये संबंधों के निर्माण की दिशा में कायम रहेंगे, आपसी केंद्रीय हितों व प्रमुख चिंताओं का सम्मान करेंगे, संवेदनशील मामलों व मतभेदों का समाधान अच्छी तरह से करेंगे। ताकि चीन-अमेरिका संबंधों का निरंतर स्वस्थ व स्थिर विकास किया जा सके।

चीन-अमेरिका के बीच बड़े देशों के नये संबंधों के निर्माण की चर्चा में बाइडेन ने कहा कि संबंधों में आशा व मौके मौजूद होंगे। और बड़े पुराने देशों व बड़े नवोदित देशों के बीच संघर्ष होने से भी बचा जा सकता है। उन्होंने कहा, जैसा हमने पहले कहा था कि बड़े देशों के नये संबंधों की स्थापना को विश्वास के आधार पर स्थापित करना और हमें एक दूसरे के लक्ष्य को सकारात्मक विचार रखना चाहिये। आप और राष्ट्रपति ओबामा द्वारा स्थापित संबंधों में अभी तक आशा व मौका भरा हुआ है। अगर हम सही तरीके से ये संबंध बरकरार रखेंगे, तो इस की संभावना असीमित होगी। चीन-अमेरिका संबंध बहुत महत्वपूर्ण है, जो 21वीं शताब्दी की दिशा पर अहम प्रभाव डालेगा। साथ ही हम बहुत सौभाग्य भी हैं। क्योंकि दोनों देशों के नेता यह उपलब्धि प्राप्त करने में सक्षम हैं।

4 दिसंबर की वार्ता में बाइडेन ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं कंद्रीय कमेटी के तीसरे पूर्णाधिवेशन में निश्चित व्यापक रूप से सुधार को गहन करने के संकल्प ने अमेरिका पर गहरी छाप छोड़ी। विश्वास है कि राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीनी जनता ज़रूर देश के निर्माण में एक उच्च स्तर पर पहुंच सकेंगी। चीन का निरंतर विकास अमेरिका के हितों से मेल खाता है। अमेरिका चीन के साथ व्यवहारिक सहयोग करना और दोनों सेनाओं के बीच आदान-प्रदान करना चाहता है। और रचनात्मक तरीके से मतभेदों का समाधान किया जाएगा, ताकि दोनों देशों के व्यापक संबंधों पर असर न पड़े।

चंद्रिमा

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