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जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने 3 दिसंबर को जापान की यात्रा कर रहे अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ वार्ता की। बाद में दोनों ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। जापान व अमेरिका के नेताओं के बीच हुई इस वार्ता पर जापान में आम राय है कि इसके दो मुख्य लक्ष्य हैं। पहला, कुछ समय पहले पूर्वी चीन सागर के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र की स्थापना पर समन्वय करके सहमति हासिल करना। और दूसरा, जापान स्थित अमेरिकी सेना के फुटेनमा अड्डे का स्थानांतरण हल करने के उपाय व तरीके की चर्चा करना, जो जापान व अमेरिका के सामने सबसे बड़ा मुश्किल मसला है। पहला बाइडेन की पूर्वी एशिया यात्रा का महत्व है।
आबे ने बाइडेन के साथ वार्ता करते समय सबसे पहले उनकी इस यात्रा का सकारात्मक मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा, वर्तमान में एशिया व प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति में तनाव पैदा होने की पृष्ठभूमि में बाइडेन जापान की यात्रा कर रहे हैं। जिसका व्यापक महत्व है। आशा है कि उपराष्ट्रपति बाइडेन की जापान यात्रा से जापान-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे।
साथ ही आबे ने कहा कि जापान सरकार चीन से पूर्वी चीन सागर के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र की स्थापना से जुड़े सभी कदमों को रद्द करने का आग्रह करेगी। आशा है कि जापान व अमेरिका सहयोग करके इस चुनौती का सामना कर सकेंगे। वार्ता में बाइडेन ने कहा, राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से मैं कम समय में जापान-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री आबे द्वारा दिये गये योगदान के लिए धन्यवाद देता हूं। जापान व अमेरिका गठबंधन न सिर्फ़ प्रशांत क्षेत्र में बल्कि और विस्तृत दायरे में हमारी सुरक्षा गारंटी का एक आधार है।
आबे व बाइडेन ने वार्ता के बाद संयुक्त रूप से एक संवाददाता सम्मेलन भी आयोजित किया। सम्मेलन में वार्ता की उपलब्धियों की चर्चा में आबे ने कहा कि दोनों ने पूर्वी चीन सागर के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र की स्थापना पर सहमति हासिल की है। उन्होंने कहा, पूर्वी चीन सागर के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र की स्थापना पर जापान व अमेरिका बल प्रयोग करके एक तरफ़ से वर्तमान स्थिति को बदलने की कार्रवाई स्वीकार नहीं करेंगे। दोनों शक्तिशाली जापान-अमेरिका गठबंधन से लगातार घनिष्ठ सहयोग करके इस चुनौती का सामना करेंगे। इसके अलावा चीन के नियम के अनुसार उक्त वायु रक्षा पहचान क्षेत्र से गुजरने वाले सभी विमानों को अपनी उड़ान योजना चीन को सूचित करनी होगी। इस बात पर दोनों का मानना है कि इससे नागरिक हवाई परिवहन की सुरक्षा पर धमकी देने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
संवाददाता सम्मेलन में बाइडेन ने चीन व जापान से संकट प्रबंध व्यवस्था और कारगर वार्ता का माहौल तैयार करने की अपील की। ताकि दोनों देशों के बीच विवाद और न बड़े। बाद में उनकी चीन यात्रा में वे ठोस सुझाव देंगे। बाइडेन ने जोर देते हुए कहा कि ओबामा सरकार एशिया पर ज्यादा ध्यान देने की रणनीति लागू करने की कोशिश कर रही है।
जापानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार जापान व अमेरिका के बीच सबसे बड़ी समस्या यानी फुटेनमा सैन्य अड्डे के स्थानांतरण की चर्चा में आबे ने कहा कि जापान-अमेरिका गठबंधन संबंधों को स्थिर बनाने के आधार पर योजनानुसार फुटेनमा सैन्य अड्डे के स्थानांतरण को सुनिश्चित करना चाहिये। इस पर बाइडेन ने कहा कि अमेरिका इसके लिये मदद व सहयोग देना चाहता है। आशा है कि इस मामले का समाधान जल्द ही जल्द किया जा सकेगा।
जापान की आम राय है कि अमेरिका ने एक तरफ़ जापान व चीन से वर्तमान के तनाव को शिथिल करने का आग्रह किया, और जापान के साथ हस्ताक्षरित प्रतिरक्षा संधि में अपना कर्तव्य निभाने का वचन भी दिया। पर दूसरी तरफ़, अमेरिका चीन व जापान के बीच हुए सैन्य संघर्ष में नहीं फंसना चाहता है। इस रुख पर अमेरिका ने सैन्य विमानों को भेजकर चीन के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में घुसने की कोशिश की। लेकिन दूसरे पक्ष में उनकी तीन नागरिक एयरलाइन्स ने चीन के आग्रह पर अपनी उड़ान योजना प्रदान की। जिस पर जापान ने चिंता व्यक्त की है।
चंद्रिमा