तीसरा चीन और हिंद महासागर क्षेत्र के समान विकास संबंधी अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान सम्मेलन कल (1 दिसम्बर) यूनान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में उद्घाटित हुआ। चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत, म्यांमार और श्रीलंका से आये विद्वानों ने चीन और हिंद महासागर क्षेत्र के परस्पर सहयोग पर विचार विमर्श करने हेतु सम्मेलन में भाग लिया।
मौजूदा सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति के परिवर्तन की पृष्ठभूमि पर चीन और हिंद महासागर के सामने मौजूदा मौके और चुनौतियों पर केंद्रित है। बंगलादेश, चीन, भारत और म्यांमार यानी बीसीआईएम (BCIM) प्रथम संयुक्त कार्यकारी दल सम्मेलन के आयोजन के उपलक्ष्य में जापान, ऑस्ट्रेलिया, श्रम और विकास संगठन और एशियाई विद्वान संयुक्त संघ आदि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये उपस्थित हुए।
मौजूदा सम्मेलन में बीसीआईएम (BCIM) के आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित हुआ। भारतीय जवाहार लाल नेहरू विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संगठन और अंतर्राष्ट्रीय निरस्त्रीकरण अनुसंधान केंद्र के प्रभारी सिंह ने कहा कि हालांकि क्षेत्रीय सुरक्षा और अलगाववाद समस्या मौजूद है, फिर भी बीसीआईएम (BCIM) का भविष्य उज्जवल होगा।
चीनी प्रसिद्ध राजनयिक वू च्यान मिन ने बीसीआईएम (BCIM) की चर्चा में कहा कि वैश्विक आर्थिक विकास की रूझान की दृष्टि से एशियाई अर्थव्यवस्था नेतृत्वकारी भूमिका अदा करता रहा है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अपने हितों के लिये एशियाई क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास बनाए रखने की उम्मीद करता है।
भारत के कोलकाता स्थित पूर्व चीनी कौंसलर जनरल माओ स वेइ ने कहा कि बीसीआईएम (BCIM) भूमि परिवहन के निर्माण में तेज गति दी जानी चाहिये।