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शांगहाई सहयोग संगठन की 12वीं भेंटवार्ता अहम
2013-11-27 15:28:35

 


शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के प्रधानमंत्रियों की 12वीं भेंटवार्ता 28 से 29 नवम्बर तक उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में आयोजित होगी।

मौजूदा भेंटवार्ता की चर्चा में कजाखस्तान के अबलाई खान अंतर्राष्ट्रीय संबंध और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के अनुसंधान विभाग के प्रमुख नुरलान अडिलखानुली ने संवाददाता के साथ साक्षात्कार में कहा कि मौजूदा भेंटवार्ता एक आम नियमित सम्मेलन नहीं है और इससे शांगहाई सहयोग संगठन को अधिक विकसित होगा। उनका कहना है

कजाख लोगों के विचार में हर 12 साल में दुनिया में नया चक्र होता है। शांगहाई सहयोग संगठन ने पिछले 12 सालों में कई मुश्किलों का सामना किया है। यकीन है कि मौजूदा भेंटवार्ता से शांगहाई सहयोग संगठन के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

साथ ही अडिलखानुली को लगता है कि अफगान समस्या इसलिये शांगहाई सहयोग संगठन की क्षेत्रीय सुरक्षा व स्थिरता से जुड़ी हुई है, क्योंकि अफगानिस्तान से लगे 5 देश शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य या प्रेक्षक देश हैं। उन्होंने कहा

मौजूदा भेंटवार्ता 2014 में अफगानिस्तान से नाटो सेना के हटने से पहले हो रही है। इस दौरान विभिन्न सदस्य देशों के नेता अफगान समस्या पर सलाह मशविरा करेंगे, जिससे भविष्य में अफगानिस्तान की स्थिति पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

वहीं अडिलखानुली ने कहा कि अपने क्षमता के चलते शांगहाई सहयोग संगठन न केवल अफगानिस्तान को आर्थिक विकास के लिये मदद देने में सक्षम है, बल्कि दोनों के बीच सहयोग बढ़ने की भी अच्छी संभावना है। उन्होंने कहा,

शांगहाई सहयोग संगठन न केवल अफगानिस्तान को आर्थिक सहायता देगा, बल्कि अफगान सरकार के साथ सैन्य सहयोग की भी भारी संभावना होगी। अभी अफगान सरकार को शांगहाई सहयोग संगठन की मदद की आवश्यकता है, विशेषकर नाटो के हटने के बाद अफगान सरकार को तालिबान के मुकाबले के लिये शांगहाई सहयोग संगठन को सहयोग करने की जरूरत होगी।

पिछले 12 वर्षों के भीतर शांगहाई सहयोग संगठन ने क्षेत्रीय सुरक्षा व स्थिरता की रक्षा, सदस्य देशों के समान विकास में अहम भूमिका अदा की है, साथ ही अपने अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव और आकर्षण भी लगातार बढ़ रहा है। इस पर अडिलखानुली ने कहा कि अभी अधिक से अधिक देश शांगहाई सहयोग संगठन में शामिल होने के इच्छुक है। उम्मीद है कि इन देशों की भागीदारी के चलते शांगहाई सहयोग संगठन की क्षमता अधिक बढ़ेगी। उन्होंने कहा

खास बात यह है कि अभी कई देशों ने शांगहाई सहयोग संगठन में शामिल होने की इच्छा जताई है, उदाहरण के लिये, भारत, पाकिस्तान, मंगोलिया और अफगानिस्तान आदि। अगर ये देश संगठन में हिस्सा लेते हैं तो शांगहाई सहयोग संगठन की आर्थिक ताकत, ऊर्जा भंडार और तकनीकी ताकत अधिक मजबूत होगी। साथ ही शांगहाई सहयोग संगठन का भविष्य भी उज्जवल होगा।

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