44वां भारत-अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म उत्सव 20 नवंबर को भारत के तटीय शहर गोवा में धूमधाम से उद्घाटित हुआ। इस अवसर पर भारत के सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए कहा कि इस वर्ष यानी वर्ष 2013 में भारतीय फ़िल्म की 100वीं जयंती मनाई जा रही है, इसके साथ ही भारतीय फिल्में विकास के साथ एक नई शताब्दी में प्रवेश कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अभी भारतीय फ़िल्म एशियाई फ़िल्म की मुख्य शक्ति बन चुकी है, साथ ही वह विश्वभर में लोकप्रिय है। इससे विश्व में भारत के बढ़ते प्रभाव का मज़बूत मार्ग भी दिखाई देता है। उन्होंने आशा जताई कि और अधिक संख्या में भारतीय फिल्में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी छाप छोड़ने में सफल होंगी।
गौरतलब है कि भारत-अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म उत्सव की शुरूआत सन् 1952 में हुई थी, जिसके बाद सन् 1975 से हर वर्ष इसका आयोजन किया जाता है। यह उत्सव भारत में फ़िल के क्षेत्र में सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली उत्सव है। साथ ही वह पूरे दक्षिण एशिया में एक बहुत ही महत्वपूर्ण फ़िल्म उत्सव भी है। इस वर्ष गोवा में आयोजित भारत-अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव दस दिनों तक चलेगा।
(रमेश)