पिछले दो दिनों में भारतीय मीडिया का ध्यान अभी-अभी संपन्न हुए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं केंद्रीय कमेटी के तीसरे पूर्णवाधिवेशन पर केंद्रित हुआ है।
भारत के प्रमुख अंग्रेजी दैनिक अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने 14 नवम्बर को संपादकीय लेख प्रकाशित कर कहा कि सीपीसी के तीसरे पूर्णाधिवेशन में वर्ष 1978 में संवर्गीय चीनी नेता तङ श्याओफिंग द्वारा पहली बार प्रस्तुत बाज़ार अर्थव्यवस्था के बाद एक और प्रगति हुई है। चीनी नेताओं ने आने वाले दस वर्षों में चीन के विकास के लिए नए सुधार कदम पर प्रकाश डाले, उसका प्रमुख विषय है कि संसाधनों के वितरण में बाज़ार की भूमिका आधारभूत से निर्णायक स्तर तक उन्नत की जाएगी। लेख में कहा गया है कि वर्तमान में चीन की वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच गई है, भारत को चीनी अर्थतंत्र के सफल विकास और तीसरे पूर्णवाधिवेशन में चीनी नेता द्वारा प्रस्तुत दीर्घकालीन विकास योजना से प्रेरणा लेकर देश के आर्थिक विकास के लिए दृढ़ निर्णय करना चाहिए।
एक अन्य भारतीय अंग्रेजी दैनिक अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स ने लेख प्रकाशित कर दक्षिण एशिया मुद्दे के भारतीय विशेषज्ञ के हवाले से कहा कि चीनी अर्थतंत्र सिलसिलेवार सुधार कदमों से और शक्तिशाली होगा, चीनी राजकीय कारोबारों और गैर-सरकारी कारोबारों को लाभ मिलेगा। लेख में ये भी कहा गया है कि आर्थिक सुधार के क्षेत्र में भारत को चीन से सीखना चाहिए, ताकि देश में निर्माण उद्योग का विकास मज़बूत हो सके। (श्याओ थांग)