टे हिन्दू अखबर ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट दी कि श्रीलंका के राष्ट्रपति महिदा राजपक्षे ने 14 नवम्बर को कोलंबो में राष्ट्रमंडल के महासचिव कमलेश शर्मा से भेंट के समय राष्ट्रमंडल के शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया और इस सम्मेलन में भाग लेने आए भारतीय प्रतिनिधि मंडल का स्वागत किया।
राजपक्षे ने संवाददाताओं से कहा कि श्रीलंका में 3 दशकों तक जारी गृहयुद्ध ने भारी राष्ट्रीय आपदा लाया, जिसमें आम नागरिकों तक की हत्या की गई, महिलाओं और बच्चों को अधिक पीड़ा सताती रही। उन्होंने बल देकर कहा कि श्रीलंका एक खुला देश है, जिसका अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अधिक सम्मान मिलना चाहिए।
राष्ट्रमंडल के महासचिव शर्मा ने संवाददाताओं के प्रश्नोत्तर में कहा कि श्रीलंका के खिलाफ़ मानवाधिकार-उल्लंघन और युद्ध-अपराध के आरोप अंत में हास्यास्पद साबित होंगे।
ध्यान रहे कि भारत श्रीलंका का एक पड़ोसी और सब से बड़ा व्यापारिक साझेदार है। लेकिन भारत के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने देश में दबाव और उत्तरी श्रीलंका में बसे तमिलों की अपील के सामने विवश होकर कोलंबो में राष्ट्रमंडल के वर्तमान शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया। उनकी जगह विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद कोलंबा गए हैं।