टोक्यो में भारत, जापान और अमेरिका की आसन्न त्रिपत्रीय वार्ता पर भारतीय मीडिया बड़ा ध्यान दे रहा है। परमाणु ऊर्जा के असैनिक प्रयोग के क्षेत्र में जापान और अमेरिका के साथ भारत का सहयोग सब से ध्यानाकर्षक है।
भारतीय अखबार टे हिन्दू ने अपने एक लेख में कहा कि इस वार्ता में भागीदारी के लिए भारत विशेषज्ञों समेत कम से कम 6 लोगों का एक शिष्टमंडल भेजेगा। लेख में कहा गया है कि नए आम चुनाव से पहले भारत की वर्तमान सरकार टोक्यो में आसन्न वार्ता में जापान और अमेरिका के साथ परमाणु सहयोग के मुद्दे पर अंतिम विचार-विमर्श करना और भारत एवं जापान के विदेश मंत्रियों के बीच पहले से ही बनी सहमतियों के क्रियान्वयन का बंदोबस्त करना चाहती है। गत मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने नई दिल्ली में जापानी विदेश मंत्री किशिदा. फ़ुमिओ के साथ बातचीत में दोनों देशों की परमाणु सहयोग संबंधी योजना दोहराई थी। भारत को उम्मीद है कि जापान उसे परमाणु विद्युत-घरों के लिए आवश्यक साजोसामान और तकीनीकों का निर्यात करेगा।
इसके अलावा भारत यह भी चाहता है कि जापान और अमेरिका दक्षिण पूर्वी एशिया में हाई स्पीड मार्ग बनाने की उस की योजना का समर्थन करे। गौरतलब है कि भारत ने 2012 में एक योजना बनाई, जिसके अनुसार म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतमान को एक साथ जोड़ने का एक चार पटरियों वाला हाई स्पीड मार्ग बनाया जाएगा और इसके आधार पर कोलकात्ता से वियतनाम के हू ची मिंग शहर तक एक नये विशाल आर्थिक क्षेत्र का निर्माण किया जाएगा।