13 नवंबर की सुबह इस युद्धाभ्यास में भाग लेने वाले चीन व भारत के सैनिकों ने संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय आंतकियों के खिलाफ हमले की पृष्ठभूमि पर पहाड़ पर लड़ाई करने के लिए कई प्रकार के सैन्य अभ्यास किये। अभ्यास में यूएवी,रॉकेट, मोर्टार, टैंक रोधी रॉकेट आदि हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
छंगदू सैन्य क्षेत्र के सेनाध्यक्ष चो श्याओ चो ने कहा कि चीन व भारत दोनों सेनाओं के संबंध दोनों देशों के संबंधों का एक महत्वपूर्ण भाग है। हाल के कई वर्षों में दोनों ने प्रतिरक्षा व सुरक्षा के विचार-विमर्श, आपसी यात्रा व आदान-प्रदान में सहयोग किया है। इस बार के संयुक्त युद्धाभ्यास से दोनों के बीच आदान-प्रदान व सहयोग के क्षेत्रों को और व्यापक गहन किया गया। साथ ही क्षेत्र की शांति व स्थिरता की रक्षा करने और एक साथ विकास के सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाने में चीन व भारत दोनों सेनाओं की सदिच्छा भी जाहिर है।
चंद्रिमा