गत 7 नवम्बर को चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल नई दिल्ली पहुंचकर भारत की औपचारिक एवं मैत्रीपूर्ण यात्रा शुरू की। बीते कई दिनों में इस प्रतिनिधि मंडल ने भारत में आर्थिक एवं सामाजिक विकास की वर्तमान स्थिति जानने के लिए सरकारी संस्थाओं, युवा संगठनों, उद्यमों, सामुदायिक क्षेत्रों और उच्च शिक्षालयों का दौरा किया। विभिन्न गतिविधियों में इस मंडल की भागीदारी से दोनों देशों के युवाओं के बीच समझ और दोस्ती बढ गई है।
वर्ष 2006 में चीन-भारत मैत्री वर्ष मनाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच सौ सदस्यों के 7-7 युवा प्रतिनिधि मंडलों और 500 सदस्यों के 1-1 युवा प्रतिनिधि मंडलों का आदान-प्रदान हुआ। इस तरह दोनों देशों के अपने-अपने करीब 1200 युवाओं ने एक दूसरे के देशों की यात्रा की। वर्ष 2010 में जारी चीन-भारत संयुक्त विज्ञप्ति के अनुसार दोनों देशों के बीच वर्ष 2011 से 2015 तक 500 सदस्यों के युवा प्रतिनिधि मंडलों के आदान-प्रदान का नया दौर शुरू होगा। भारतीय युवा मामला एवं खेलकूद मंत्रालय के निमंत्रण पर चीनी कम्युनिस्ट युवा लीग की केंद्रीय कमेटी के सचिवालय के प्रधान श्वी श्याओ ने चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व करते हुए नई दिल्ली, आगरा और मुंबई का दौरा किया।
भारत में चीनी दूतावास में 7 नवम्बर को इस प्रतिनिधि मंडल के स्वागत में एक समारोह आयोजित हुआ। इस में चीनी राजदूत वई वई ने कहा कि चीन और भारत दोनों को सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए और अधिक मौके तैयार करने चाहिए। दोनों देशों के युवाओं के एक दूसरे के देशों की यात्रा करने से उन में आपसी समझ बढ जाएगी औऱ इसका दोनों देशों की जनता के बीच मित्रता पीढ़ी-दर-पीढ़ी बने रहने में भारी महत्व भी है।
चीनी राजदूत वई वई ने कहाः
`चीन-भारत के सबंधों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान का विशेष महत्व है। यद्यपि दोनों देशों के बीच भू-फासला लम्बा नहीं है, लेकिन निष्कपटता से कहे, तो दोनों देश एक दूसरे से अधिक वाकिफ़ नहीं हैं। इसलिए दोनों देशों को सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए अधिक अवसर तैयार करने की कोशिश करनी चाहिए।`
चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल के नेता श्वी श्याओ ने कहा कि उन का मंडल दोस्ती और अभिवादन की भावना के साथ भारत आया है और चीन-भारत मैत्री को आगे बढाने के लिए अपना योगदान करना चाहता है।
8 अगस्त को भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंग ने चीन के इस युवा प्रतिनिधि मंडल से स्नेहपूर्वक भेंट की। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों सभ्यता वाले देश हैं और दोनों देशों की अपनी-अपनी बड़ी युवा आबादी है। लोगों की आवाजाही दोनों देशों के बीच समझ को बढाने के लिए बड़ी अहमियत रखती है। भारत और चीन के युवाओं के बीच आदान-प्रदान से दोनों देशों के मैत्री एवं विकास के कार्य को बल मिलेगा।
9 नवम्बर के तीसरे पहर चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल ने विख्यात दिल्ली यूनिवर्सिटी में भारत के राष्ट्रीय सेवा कार्यक्रम संगठन के साथ द्विपक्षीय स्वयंसेवा परियोजना पर बैठक की। इस में चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल के नेता श्वी श्याओ ने यह प्रस्ताव पेश किया कि भारत के राष्ट्रीय सेवा कार्यक्रम के तहत दोनों देश अपने-अपने युवा स्वयं सेवकों को एक दूसरे के यहां भेजे, जिससे कि दोनों देशों के बीच समझ एवं सहयोग और बढ सके।
चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल के एक सदस्य ल्यू शी ती ने कहा कि चीन और भारत के युवाओं के बीच सहयोग की और भी बहुत गुजाइश बाकी है। उनका कहना हैः
`भारत में कई दिनों के अपने प्रवास के दौरान मुझे भारतीय नृत्य, संगीत जैसी परंपरागत संस्कृति से लगाव हो गया है। परंपरागत भारतीय संस्कृति से मुझे कुछ नया करने का बौध मिला है। मुझे लगता है कि अगर दोनों देशों के उच्च शिक्षालयों के बीच संगीत, नृत्य और मूवी से जुड़े मुद्दों पर भी आदान-प्रदान के कार्यक्रम चलाये जाते हैं, तो दोनों देशों के युवाओं के बीच समझ बहुत बढ जाएगी। `
चीनी युवा प्रतिनिधि मंडल के नेता श्वी श्याओ ने कहा कि चीन और भारत के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही बढती जा रही है, राजनीतिक एवं रणनीतिक विश्वास मजबूत होता जा रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग व्यापक तौर पर होते जा रहे हैं। इस तरह के अच्छे वातावरण में दोनों देशों के युवाओं को आपसी मैत्री बढाने का सुअवसर मिला है। दोनों देशों के युवाओं द्वारा विकास के सुअवसर को साझा करना और हाथ में हाथ डालकर चुनौतियों का सामना करना चीन-भारत के मूल हितों से संबंधित है और दोनों देशों की जनता की समान अभिलाषा के अनुकूल भी है।