131106ss2
|
भारत ने 5 नवंबर को दोपहर बाद 2 बजकर 38 मिनट पर सफलता के साथ पहला मंगल यान का प्रक्षेपण किया। जिससे भारत के 'मार्स आर्बिटर मिशन' का पहला चरण पूरा किया गया। यह भी एक द्योतक बन गया है कि भारत ने अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में एक मजबूत कदम बढ़ाया है। इस कार्यक्रम में भाग ले रहे वैज्ञानिक व राजनीतिज्ञ तथा साधारण जनता गर्व के माहौल में डूबे हुए हैं।
5 नवंबर को दोपहर को दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र में बड़े धमाके के साथ सी.25 राकेट भारत का पहला मंगल यान लेकर अंतरिक्ष में छोड़ा गया। 44 मिनटों के बाद मंगल यान सफलता के साथ पृथ्वी के ट्रैक में प्रवेश कर गया। भारतीय अंतरिक्ष संगठन के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन ने मंगल यान के सफल प्रक्षेपण की घोषणा की। उन्होंने कहा, मैं बहुत खुशी के साथ यह घोषणा करता हूं कि सी.25 रॉकेट ने सफलता के साथ मंगल यान को पृथ्वी के ट्रैक पर पहुंचाया है। यह इस रॉकेट की 25वीं यात्रा है। बाद में वह मंगल यान को मंगल ग्रह के ट्रैक पर पहुंचाने का कर्तव्य संभालेगा।
मंगल यान के सफल प्रक्षेपण के बाद अगले साल के चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने संवाददाता को साक्षात्कार देते समय इस बात की बधाई दी। उन्होंने कहा, यह जाहिर है कि अंतरिक्ष तकनीक में भारत ने एक महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। और विश्व अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत ने अपनी पहचान भी बनायी है। मैं भारतीय अंतरिक्ष संगठन को बधाई देता हूं, और इस कार्यक्रम में भाग ले रहे सभी वैज्ञानिकों व कर्मचारियों को धन्यवाद भी देता हूं। विश्वास है कि इस विज्ञान- कार्यक्रम से मानव के जीवन पर सकारात्मक असर पड़ेगा। आशा है कि 'मार्स आर्बिटर मिशन' सफल हो।
चंद्रिमा