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इधर एक अवधि में चीनी नौसेना की रणनीतिक परमाणु पनडुब्बियां मीडिया की सुर्खियों में रही हैं। वर्ष 2009 में ये परमाणु पनडुब्बियां चीनी नौसेना की स्थापना की 60वीं वर्षगॉठ के अवसर पर समुद्री परेड में पहली बार दिखाई दीं। वास्तव में चीन में पहली परमाणु पनडुब्बी सेना—उत्तरी चीन सागर के जंगी जहाज-बेड़े के पनडुब्बी-अड्डे को कामय हुए 42 साल हो चुके हैं। इस सेना ने समुद्र की गहराई और डूबकी की अवधि दोनों दृष्टि से परमाणु पनडुब्बियों के वैश्विक रिकार्ड कायम किए हैं। इस समय चीन में विशेष और प्राथमिक तौर पर स्थापित इस युद्धक सेना के पनडुब्बी-अड्डे के पास परमाणु निवारक और प्रहारक शक्ति हो चुकी है। ऐसे में यह सेना चीन में समुद्र के नीचे राष्ट्रीय संप्रभुत्ता की रक्षा करने वाली एक बड़ी ताकत बन गई है। हाल ही में हमारे संवाददाता ने इस पनडुब्बी-अ़ड्डे का दौरा किया।
जब हमारा संवाददाता उत्तरी चीन सागर के जगी जहाज-बेड़ के पनडुब्बी-अड्डे तक पहुंचा, तो समुद्र पर दूर से काले रंग की अनेक बड़ी परमाणु-पनडुब्बियां कतारों में खड़ी नजर आईं।ये चीन में पहली परमाणु पनडु्ब्बी-सेना की हैं। इस अड्डे के एक पूर्व वरिष्ठ नेता सुन छंगछिन ने कहाः
`इन पनडुब्बियों में से किसी एक को भी चुना जाए, तो सोचें कि क्या वह 90 दिनों तक बिना रूके चल सकती है ? खाद्य पदार्थों की एक आपूर्ति के बाद क्या वह पृथ्वी की दो परिक्रमाएं कर सकती है ? क्या मानव लोहे के इस विशाल बॉक्स में 90 दिनों तक जीवित रह सकता है ? `
73 वर्षीय सुन छंगचिन ने बताया कि पिछली सदी के 80 वाले दशक में चीन में परमाणु पनडुब्बी-कार्य का विकास शुरू हुआ। उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ रिकॉर्ड वाला एक डूबकी-मिशन निभाया था। उन्होंने याद ताजा करते हुए कहा कि एक साल जाड़े के एक दिन चीन की एक परमाणु पनडु्ब्बी एक सैन्य पोर्ट से चुपके रवाना हो गई। समुद्र के दूरस्थ स्थान जाकर वह अचानक पानी में डूब गई। इससे चीनी परमाणु पनडुब्बी का पहला परीक्षण शुरू हुआ। 90 दिनों के बाद वह डूबकी का मिशन पूरा कर पानी की गहराई से सही-सलामत समुद्र की सतह पर आ निकली। डूबकी की अवधि के लिहाज से इस पनडुब्बी ने एक वैश्विक रिकार्ड स्थापित किया।
परमाणु पनडुब्बी में जीवन का पर्यावरण कैसा है? इसकी कल्पना की जा सकती है। बन्द हुआ वातावरण, संकरे गलियारे, अस्वच्छ हवा---- लम्बे समय से धूप के बिना समुद्र के नीचे रहने से मानव के शरीर में अनियमितता पैदा होती है। पनडुब्बी-अड्डे के अन्य एक अधिकारी यैन पिनचन ने कहाः
`शुरू में हमें नींद लगातार आती रही, बाद में अनिद्रा सताती रही। कब दिन था ? कब रात थी? इसका पता किसी को नहीं था। जैविक घड़ी बिल्कुल खराब हो गई। हम केवल घड़ी के सहारे दिन और रात जान सके।`
इसे देखकर परमाणु पनडुब्बी-अड्डे में सैनिकों का मनो-प्रशिक्षण शुरू किया गया। हाल के वर्षों में इस सेना में मनोस्थिति की समीक्षा-व्यवस्था और रण मैदान के अनुकूल मनो-प्रशिक्षण केंद्र स्थापित हुए हैं।
पनडुब्बी में सेवारत एक अधिकारी ने जानकारी दी कि परमाणु पनडुब्बी में सैनिक संगीत सुन सकते हैं और खेल सकते हैं। उनका कहना हैः
`पनडुब्बी में हरेक सैनिक को संगीत वाला सोफ्ट वेयर दिया जाता है। जब चाहे, तो वे अपने-अपने कंप्यूटरों से संगीत सुन सकते हैं। हम सैनिकों को मनो और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए स्किंग, तरबूज काटने और गॉल्फ़ खेलने जैसे दैहिक खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। `
समुद्र के नीचे रणनीतिक मिसाइल-प्रक्षेपण का प्रशिक्षण सब से महत्वपूर्ण है और परमाणु पनडुब्बियों का सर्वाधिक सैनिक मूल्य इसी में है। इस अड्डे के एक उप कमांडर तुंगजंग ने कहा कि पनडुब्बी-टुकड़ी, सेना की अन्य टुकड़ियों से भिन्न है। वह हर रोज असली युद्ध जैसे प्रशिक्षण का सामना कर रही है। सैनिकों को इस कठिन प्रशिक्षण की कसौटी पर खरा उतरने के लिए बेहद कडा परिश्रम करना है। तुंगजंग ने कहाः
`नौसेना एक किस्म की अंतर्राष्ट्रीस सेना है। उसके प्रशिक्षण और युद्ध के क्षेत्र तुलनात्मक रूप से एक जैसे हैं। जहां प्रशिक्षण किया जाता है, वहां संभवतः भावी रण-क्षेत्र होगा। वर्तमान प्रतिद्वंद्वी भावी दुश्मन हो सकते हैं।`
लड़ाकू शक्ति को बढाने के लिए परमाणु पनडुब्बी-अड्डे ने प्रशिक्षण के संस्थापनों के आधुनिकीकरण में बड़ा निवेश किया है। परमाणु रिएक्टर के प्रबंध से लेकर टारपीडो प्रहार, पनडुब्बी के परिचालन और जल-ध्वनि विरोध तक व्यापक अनुकरण प्रशिक्षण-प्रणाली परिपूर्ण होती जा रही है। इस प्रणाली के सहारे अब सैनिक समुद्र जाने की बजाए पॉर्ट पर भी प्रशिक्षण ले सकते हैं।
हाल के वर्षों में चीनी नौसेना के निर्माण में तेजी आई है। देश की सुरक्षा खाकर देश की समुद्री सुरक्षा के लिए परमाणु पनडुब्बियों ने गश्त लगाने का मिशन निभाना शुरू किया है। कहा जा सकता है कि यह भी एक नया प्रशिक्षण है, जो वर्तमान स्थिति के लिए जरूरी है।