23 अक्तूबर को चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संयुक्त रूप से संवाददाताओं के साथ भेंट की। ली खछ्यांग ने कहा कि चीन और भारत का समान हित मतभेद से कहीं बड़ा है। मनमोहन सिंह की इस बार की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया, भविष्य में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी संबंध के विकास के लिए योजना बनाई। उन्हें विश्वास है कि दोनों देशों के बीच संबंधों को निरंतर आगे बढ़ाया जाएगा।
ली खछ्यांग ने पूर्वी भारत में आए तूफान के लिए अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कुछ समय पहले बंगाल की खाड़ी में 17 चीनी नाविकों की जान बचाने के लिए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया, जिससे चीन-भारत मैत्री के महत्व का पता चलता है। उन्हें आशा है कि न्यूज़ जगत के मित्र दोनों देशों के बीच मैत्री, सहयोग और विकास को आगे बढ़ाने की आवाज का प्रचार-प्रसार करेंगे।
मनमोहन सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता प्रभावकारी है और व्यापक सहमतियां प्राप्त की गई हैं। भारत और चीन के बीच सहयोग और विकास एशिया, यहां तक की विश्व की समृद्धि और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। बेहतर द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना दोनों की रणनीतिक इच्छा भी है। भारत चीन के साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंधों की स्थिरता और तेज विकास को आगे बढ़ाना चाहता है।
उसी दिन आयोजित चीनी विदेश मंत्रालय के नियमित संवाददाता सम्मेलन में प्रवक्ता ह्वा छुनयिंग ने कहा कि इस बार चीन और भारत के बीच सीमा सहयोग के समझौत सम्पन्न किये जाने से कानूनी के तरीके से कुछ अच्छी कार्यवाही और अनुभव की पुष्टी की जाती है। यह दोनों देशों के बीच मैत्री और विश्वास को आगे बढ़ाने, सीमांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा करने के लिए महत्पूर्ण है, जिससे आपसी मित्रवत सहयोग को आगे बढ़ाने का दृढ़ संकल्प और इच्छा एक बार फिर दिखाई गई है।
(वनिता)