चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को पेइचिंग में चीन दौरे पर आए भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दुनिया को चीन और भारत का समान विकास चाहिए। दुनिया में सबसे अहम द्विपक्षीय संबंधों में से एक के रूप में चीन-भारत संबंध एशिया, यहां तक कि पूरी दुनिया पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
शी चिनफिंग ने कहा कि चीन-भारत संबंध द्विपक्षीय संबंधों के दायरे के बाहर हैं, जिनका वैश्विक व रणनीतिक महत्व होता है। वर्तमान में द्विपक्षीय संबंध विकास के नए चरण में पहुंच गया हैं। चीन भारत के साथ शांतिपूर्ण, सहयोगी और समान विकास साकार करना और आपस में रणनीतिक साझेदारी संबंधों को नए स्तर पर पहुंचाने को तैयार है।
उन्होंने चीन भारत संबंध के विकास को लेकर चार सूत्रीय सूझाव पर प्रकाश डाला। पहला, चीन-भारत संबंध की मज़बूती को अंतरारष्ट्रीय परिस्थिति के साथ जोड़कर आपस में रणनीतिक आपसी विश्वास बढ़ाया जाए। दूसरा, द्विपक्षीय संबंध को अपने घरेलु विकास के साथ जोड़कर वास्तविक सहयोग को गहराया जाए। दोनों देश बुनियादी संस्थापन निर्माण, सूचना और तकनीकी, दूरसंचार, पूंजी निवेश और औद्योगिक उद्यान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग सशक्त करते हुए सहयोग का स्तर भी उन्नत किया जाए। तीसरा, द्विपक्षीय संबंध की मज़बूती को दोनों देशों के पुनरुत्थान प्रक्रिया के साथ जोड़कर मतभेदों का अच्छी तरह नियंत्रित किया जाए। दोनों पक्षों को एक दूसरे की चिताओं को ध्यान में रखते हुए सीमा और सीमा-पार नदी वाले संबंधित मुद्दों का अच्छी तरह से निपटारा किया जाए और प्रतिरक्षा की मज़बूती और आतंक विरोधी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाए। चौथा, चीन-भारत संबंध को पूर्वी सभ्यता के पुनरुत्थान के साथ जोड़कर आदान-प्रदान और बातचीत का विस्तार किया जाए।
मनमोहन सिंह ने कहा कि चीन के साथ संबंध आगे बढ़ाना भारत का प्राथमिक कार्य है। भारत चीन के साथ रणनीतिक संपर्क और मानवीय आदान-प्रदान मज़बूत कर व्यवहारिक सहयोग को आगे बढ़ाना चाहता है, साथ ही रक्षा संबंधी सहयोग मज़बूत करते हुए मैत्रीपूर्ण वार्ता से विवादों का समाधान करेगा, ताकि दोनों देशों के संबंध नए स्तर पर पहुंच सके। उन्होंने कहा चीन और भारत के हाथ में हाथ डालने से वैश्विक शांतिपूर्ण विकास को शक्ति मिलेगी।
(दिनेश, श्याओ थांग)