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भारत के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह 22 से 24 अक्तूबर तक चीन की यात्रा पर रहेंगे। उनकी इस यात्रा की ओर व्यापक अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित हो रहा है। दक्षिण भारत के मशहूर मीडिया वार्टा दैनिक के वरिष्ठ संवाददाता राजा. गोपलान ने हाल ली में हमारे संवाददाता से कहा कि भारत और चीन के बीच अच्छे एवं सकारात्मक संबंध बने रहने का भारी महत्व है।
उन्होंने हमारे संवाददाता के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा कि भारत के लिए मनमोहन सिंह की चीन-यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है। इस समय दोनों देशों के बीच कुंजीभूत सवाल सीमा-विवाद है। इस विवाद का रातोंरात समाधान होना असंभव है। दोनों देशों की जनता के हितों के लिए दीर्धकालिक वार्ता एवं अन्य कोशिशों के जरिए यह विवास समुचित रूप से सुलझा जा सकता है। सीमा-विवाद के अलावा मुक्त व्यापार भी मनमोहन सिंह और चीनी नेताओं के बीच वार्ता में एक मुख्य मुद्दा है। गोपलान का कहना हैः
`कुछ लोग कहते हैं कि भारत में चीनी उत्पादों की बिक्री पर कोई परिसीमन नहीं है, लेकिन चीन में भारतीय उत्पादों की बिक्री में बाधा जैसी समस्या मौजूद है। इससे भारतीय बाजार के अधिकांश हिस्से पर चीनी उत्पाद काबिज रहे हैं और द्विपक्षीय व्यापारिक घाटा पैदा हुआ है। लेकिन मैं इसपर असहमत हूं। मुझे यकीन है कि कई सालों के बाद भारत और चीन दोनों को द्विपक्षीय व्यापार में लाभ मिलेगा। चीन में मनमोहन सिंह और चीनी नेताओं के बीच विचार-विमर्श के बाद भारत और चीन के आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधों में नई प्रगति होगी।`
किसी भारतीय मीडिया ने दावा किया कि मनमोहन सिंह चीन में अपने प्रवास के दौरान चीनी पक्ष के साथ चीनियों के लिए वीजा-प्रक्रिया को सरल बनाने के मुद्दे पर सलाह-मशविरा करेंगे। इसपर गोपलान ने कहा कि चीन में भारतीय दूतावास हमेशा संबंधित सख्य नियमों के अनुसार चीनियों को वीजा देता है। यदि वीजा के बारे में आसान नीति लागू की जाती है और वीजा-प्रक्रिया को सरल बनाया जाता है, तो इससे दोनों देशों के बीच सहयोग और लोगों के आदान-प्रदान को फायदा पहुंचेगा
गोपलान का मानना है कि दूरगामी और तुलनात्मक दृष्टि से देखा जाए, तो भारत को चीन के साथ अपने संबंधों के विकास से अधिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहाः
`भारत में चाहे कौन सी पार्टी सत्ता में क्यों न आए, वह चीन के साथ संबंधों का विकास करने पर डटी रहेगी और चीन के साथ व्यापार जारी रखेगी तथा रक्षा एवं सुरक्षा पर मैत्रीपूर्वक सलाह-मशविरा करेगी। लेकिन इससे अधिक अहम बात यह है कि भारत को चीन के साथ संबधों के विकास से अवश्य ही अधिक उल्लेखनीय लाभ मिलेगा। इसलिए चीन के साथ अच्छे और सकारात्मक संबंध बनाए रखना भारत सरकार और भारतीय जनता दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।`
गोपलान ने यह भी कहा कि चीन में नए नेता अपने पद संभालने के बाद से चीन-भारत सहयोग के स्तर को उन्नत करने और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को आगे बढाने की कोशिशों में रहे हैं। प्रधान मंत्री ली खछ्यांग ने भारत को अपनी विदेश-यात्रा का पहला पड़ाव चुना, जिससे पूरी तरह सिद्ध है कि चीन सरकार और चीनी नेता चीन-भारत संबंधों को भारी महत्व देते हैं। गोपलान ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में चीनी नेता भारत, खासकर भारत के दक्षिणी एवं मध्य भागों का अधिक दौरा करेंगे। इससे भारतीय लोग चीन की अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोग और भी व्यापक एवं गहन रूप से आगे बढेंगे।