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युननान प्रांत का सुंदर महा नू च्यांग नदी घाटी
2013-10-21 08:49:02
प्रिय श्रोताओ , क्या आप को मालूम है कि बड़ी नू च्यांग नदी दक्षिम पश्चिम चीन व म्येंमार से होकर आगे बहते हुए हिन्द महा सागर की बंगाल खाड़ी से जा मिलती है । बेशक, बड़ी नू च्यांग नदी दक्षिण पश्चिम चीन स्थित युननान प्रांत से गुजरकर आगे बह जाती है । पर युननान प्रांत चीन के प्रमुख अल्पसंख्यक जाति बहुल क्षेत्रों में से एक है । आज के इस कार्यक्रम में हम आप के साथ महा नू च्यांग नदी घाटी जाकर अतुल्य प्राकृतिक सौंदर्य और विशेष जातीय रीति रिवाज देखेंगे ।

नू च्यांग प्रिफेक्चर का कुल क्षेत्रफल 14 हजार वर्गकिलोमीटर विशाल है , इस क्षेत्र की भू स्थिति दक्षिण ऊंची है , जबकि उत्तर नीचली है , पूरे क्षेत्र आकाश से बातें करने वाले बड़े बड़े पर्वतों और नू च्यांग , लानछांग च्यांग और तू लुंग च्यांग समेत उफनती नदियों से घिरा हुआ है । इसीलिये अभी तक बहुत कम लोग इस दूरस्थ महा नू च्यांग घाटी को जानते हैं । स्थानीय वासियों को अपनी जन्मभूमि के अनुपम सौंदर्य पर बड़ा गर्व है । छन चुन नामक एक स्थानीय वासी ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा

मेरी जन्मभूमि का प्राकृतिक दृश्य अत्यंत दर्शनीय है , स्थानीय वासी बड़े नम्र हैं और मेहमाननवाज भी हैं । हमारे यहां का अद्भुत सौंदर्य प्राकृतिक ही है , मानो एक प्राकृतिक कलात्मक कृति मालूम पड़ता है ।

नू च्यांग प्रिफेक्चर पर्यटन ब्यूरो में कार्यरत चाओ वन शंग ने इस का परिचय देते हुए कहा

समूची नू च्यांग महा घाटी एक समृद्ध मानवीय दर्शनशास्त्र और प्राकृतिक दर्शन शास्त्र पुस्तक जान पड़ती है, भिन्न भिन्न दृष्टियों से पढ़ने में अलग अलग अनुभव होता है ।

नू च्यांग महा घाटी में अजीबोगरीब पत्थर चांद नामक पर्यटन क्षत्र अपनी विशेष पहचान बना लेता है । दूर से देखा जाए , हरे भरे पर्वतों के बीच एक भीमकाय पत्थर गुफा एक गोलाकार चांद की तरह आकाश पर लटके हुए दिखायी देता है , इस भीमकाय पत्थर गुफा को पार कर मंडराते हुए सफेद बादल नजर आते हैं । गत सदी के तीस वाले दशक के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध काल में अमरीकी जनरल चेन्नाट के नेतृत्व में ऊंट हवाई मार्ग के चालकों ने थलीय मार्गदर्शन के साथ सम्पर्क टूटने की हालत में इस पत्थर चांद के विशेष भौगोलिय भू दृश्य को दिशाओं का निर्णय करने का एक मात्र महत्वपूर्ण थलीय निशाना बना दिया । इसी दूरगामी महत्व वाले चीनी अमरीकी मैत्रीपूर्ण इतिहास की वजह से यह पत्थर चांद पर्यटन स्थल और असाधारण हो गया है ।

तीन हजार दो सौ से अधिक किलोमीटर लम्बी नू च्यांग नदी थांगकुला पर्वत के दक्षिण भाग से शुरु होकर चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश व युननान प्रांत और म्येंमार से गुजर कर अंत में हिन्द महा सागर की बंगाल खाड़ी से जा मिली है । इस क्षेत्र में बाघ छलांग नामक पर्यटन स्थल सब से मनमोहक है । यहां पर नू च्यांग नदी लहरे मार मार कर आकाश से गिरकर आगे बहते हुए दिखाई देती है । बाघ छलांग के बारे में एक पौराणिक कथा आज भी प्रचलित है , कहा जाता है कि बहुत पहले यहां के राजकुमार को एक खूबसूरत लड़की से प्रेम हो गया , पर एक राक्षसी ने मंत्र फूंक कर इस राजकुमार को बाघ के रुप में बदल दिया , यह बाघ जोखिम भरी छलांग लगाकर अपनी प्रेमिका से मिलने गया , उस की ईमानदारी से भगवान ने प्रभावित होकर उसे फिर राजकुमार का रुप दिया । ऊंचे पर्वत व तेज धारा पानी से नू च्यांग नदी के दोनों किनारों पर पहले कोई पक्का पुल नहीं था , सिर्फ एक जंजीर पुल इस नदी के दोनों किनारों को जोड़ा गया । आज नू च्यांग के दोनों किनारों पर लटका पुल व जंजीर पुल देखने को बहुत कम मिलता है । इस पर्यटन क्षेत्र के कर्मचारी श्री ली वान लिन ने परिचय देते हुए कहा

नू च्यांग की प्रथम खाड़ी की विशेषता है कि उस की मोड़ इतनी बड़ी है कि नदी के इसी भाग को मोड़ मोड़ कर एक छोटे से टापू का रुप दिया गया । नदी के घाटी क्षेत्र में लहलहा खेत व्यवस्थित रुप से नजर आते हैं । पौ फटते ही पूरे पर्यटन स्थल में सभी गांव व मकान मडराते हुए बादलों में झलकते हैं ।

पिंग चुंग लो पर्यटन स्थल के उत्तर छोर पर नू च्यांग नदी के दोनों किनारों पर काउ ली कुंग पर्वत व पीलोश्यो पर्वत आमने सामने खड़े हुए हैं , इन दोनों गगनचुम्बी पर्वतों की आकाश से बाते करने वाली सीधी चट्टानों ने पांच सौ मीटर ऊंचे व दो सौ मीटर चौड़े पत्थर गेट का रूप दिया है । ठीक जैसा एक चीनी कहावत है यहां पर एक रक्षक रहने पर भी दस हजार व्यक्ति अंदर जाने में समर्थ होते हैं । स्थानीय वासी इसे नाइछांग कहते हैं , अर्थ है देवता होने पर भी उसे पार करना भी असम्भव है ।

पत्थर गेट दर्रा बहुत भव्यदार है , उस की ऊंचाई करीब पांच सौ मीटर है , दूर से देखा जाये , वह बिलकुल एक विशाल गेट जान पड़ता है और यह पत्थर दर्रा चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में प्रविष्ट होने का अहम मार्ग ही है ।

नू च्यांग क्षेत्र के पिंग चुंग लो टाऊनशीप का प्राकृतिक दृश्य इतना अनुपम है कि वह मानव जाति व देवताओं के साथ साथ रहने के क्षेत्र के नाम से नामी है । गगनचुम्बी पर्वतों पर गहरी बर्फ साल भर में ढकी हुई है , जबकि ऊंचे पर्वतों के नीचे लहलहा खेत हवाओं के झोकों में लहराते हुए दिखाई देते हैं , इतना ही नहीं , सरसों के पीले रंग के खिले हुए फूल लहलहा खेतों को और सुंदर बना देते हैं , इसी बीच भूरे रंग वाले पक्के पत्थर मकान हरे भरे दृश्य में झांकते हैं , एक बेहद आरामदेह व सुखद ग्रामीण माहौल एकदम देखते ही बनता है । बहुत से पर्यटक यहां के शांतिमय रमणीक प्राकृतिक दृश्य देखकर सभी परेशानियों को भूल जाते हैं ।

दसेक साल पहले एक पर्यटक घूमने यहां आ पहुंचा , तत्काल में एक स्थानीय बुढ़ा मां ने उस की अगवानी की । बाद में इस पर्यटक ने इंटरनेट पर लेख लिखकर स्थानीय वासियों की मेहमाननवाजी व नम्रता की खूब प्रशंसा की , जिस से अधिकाधिक पर्यटक यहां आने लगे हैं । वर्तमान में पिंग चुंग लो टाऊंशिप ने मलेशिया , जापान , जर्मनी , कोरिया गणराज्य , ब्रिटेन , फ्रांस व स्वीटजरलैंड समेत दसेक देशों से आये मेहमानों की अगवानी की है ।

स्थानीय अल्पसंख्यक जातीय लोगों ने शराब पेश करने का गीत गाकर दूस से आये मेहमानों के सम्मान में अपनी दिली बात बतायी ।

गीत का भावार्थ है कि नू च्यांग नदी आने पर आप का स्वागत है , आप को देखकर हमें बड़ी खुशी हुई है , खुशी के मारे हमारा थिरकने का कोई ठिकाना न रहा है । कृपया आप फिर से हमारे यहां आये ।

जी हां , उक्त पर्यटन स्थलों के अतिरिक्त नू च्यान महा घाटी के भीतर समद्र की सतह से कोई चार हजार मीटर की ऊंचाई पर बीस से अधिक पर्वत भी खड़े हुए हैं , पर्वत की तलहटी से पर्वत के ऊपर पर नाना प्रकार वाली वनस्पति और अद्भुत प्राकृतिक दृश्य देखने को भी मिलते हैं ।

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