स्विजरलैंड के अखबार न्यू ज़्यूरचेर जीतुंग (एनजीजी) ने हाल ही में दो लेख छापे, जिसके शीर्षक हैं"अनाथ नहीं हैं तिब्बती बच्चे"और"दलाई लामा की क्षमा अत्यंत महत्वपूर्ण है", इन लेखों में इस बात से पर्दा उठाया गया है कि दलाई लामा गुट तथाकथित झूठे अनाथ बच्चों की हैसियत बताकर जबरन तिब्बतियों के बच्चों को स्विजरलैंड ले जाते थे।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ह्वा छुनयिंग ने 15 अक्तूबर को पेइचिंग में आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दलाई लामा गुट की हरकत ने बच्चों के अधिकारों का गंभीर रूप से हनन किया और मानव की नैतिकता का खुले आम उल्लंघन किया है।
ह्वा छुनयिंग ने कहा कि चीन ने स्विजरलैंड की मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान दिया है। 14वें दलाई लामा अपनी"तिब्बत स्वाधीनता"वाली राजनीतिक इरादे के लिए तिब्बती अनाथ बच्चों का मामला बना रहे हैं, जिससे कई सौ परिवारों के बच्चे अपने माता पिता से दूर हो गए हैं। दलाई लामा गुट की हरकत ने मानव जाति की नैतिकता का खुले आम उल्लंघन किया है। सभी दयालु और न्यायपूर्ण व्यक्तियों को उसकी हरकत की कड़ी निंदा करनी चाहिए।
संबंधित रिपोर्ट के अनुसार पिछली शताब्दी के 60 के दशक में 14वें दलाई लामा ने स्विजरलैंड के व्यापारियों के साथ मिलकर 200 से अधिक तिब्बती बच्चों को जबरन उनके माता पिता से अलग कर उन्हें अनाथ बताया और स्विजरलैंड के परिवारों में पालने की व्यवस्था की।
(श्याओ थांग)