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एपेक शिखर सम्मेलन में शी चिनफिंग का भाषण
2013-10-08 16:31:27

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 7 अक्तूबर को इंडोनेशिया के बाली द्वीप में एपेक के सीईओ शिखर सम्मेलन में सुधार और खुलेद्वार की नीति को आगे बढ़ाते हुए एशिया और प्रशांत क्षेत्र का सुन्दर भविष्य तैयार करें शीर्षक भाषण दिया। शी चिनफिंग ने कहा कि चीन सुधार और खुलेद्वार पर कायम रहेगा और सही दिशा में लगातार कदम बढ़ाएगा। चीन देश की अर्थव्यवस्था के सतत और स्वस्थ विकास के प्रति आश्वस्त है। चीन एशिया और प्रशांत क्षेत्र के साझेदारों के साथ सुन्दर भविष्य तैयार करने की आशा करता है, ताकि हर देश को इसमें लाभ मिल सके।

एपेक के वर्तमान सीईओ शिखर सम्मेलन में शी चिनफिंग भाषण देने वाले अंतिम राष्ट्रपति हैं। उन्होंने भाषण में सबसे पहले एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की चर्चा की, जो एपेक के सभी सदस्य देशों की चिन्ता वाला मुद्दा है। शी चिनफिंग ने कहा कि विश्व आर्थिक पुनरुत्थान में अब भी मुश्किलें मौजूद हैं। एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था भी नई चुनौतियों का सामना कर रही है। चाहे विकसित देश हो या विकासशील आर्थिक शक्ति, सब आर्थिक वृद्धि की नई चल-शक्ति ढूंढ़ने में कोशिश कर रहे हैं। शी चिनफिंग ने कहा

"आर्थिक वृद्धि की चल-शक्ति कहां से आती है ? इस पर मेरा विचार है कि यह सुधार, समायोजन और सृजन से आती है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक शक्तियों को साहस दिखाते हुए सभी पक्षों के लिए लाभदायक आर्थिक विकास तरीका स्थापित करना चाहिए। ताकि एशिया और प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था विश्व आर्थिक पुनरुत्थान में नेतृत्व की भूमिका निभा सके।"

एशिया प्रशांत आर्थिक विकास को सुधार और सृजन पर निर्भर रहना चाहिए, जबकि चीन का आर्थिक विकास सिर्फ सुधार और खुलेद्वार पर निर्भर रहना है।

न सिर्फ सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित जी-20 सम्मेलन, बल्कि इस बार के एपेक सम्मेलन में भी शी चिनफिंग ने चीन की अर्थव्यवस्था पर विश्वास की चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्वास इससे आता है कि चीन में 7.6 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर उचित सीमा में रहती है। आर्थिक विकास की गुणवता सतत रूप से बढ़ रही है और एशिया व प्रशांत क्षेत्र में विकास का सुन्दर भविष्य तैयार हो रहा है। शी चिनफिंग ने कहाः

"चीन की अर्थव्यवस्था विकास के नए चरण से गुजर रही है। विकास का तरीका और ढांचे में समायोजन किया जा रहा है। हालांकि इसमें कठिनाइयां मौजूद हैं, लेकिन इसका विशाल भविष्य होगा। चीन विकास करना चाहता है, तो व्यापक रूप से सुधार और खुलेद्वार की नीति पर कायम रहना होगा।"

शी चिनफिंग ने कहा कि चीन प्रशांत महासागर को पारकर हर पक्ष के लिए लाभदायक क्षेत्रीय सहयोग का ढांचा स्थापित करने में लगा है। शी चिनफिंग के मुताबिक

"प्रशांत महासागर इतना विशाल होने का कारण यह है कि इसमें कोई प्राकृतिक बाधा नहीं है। हमें इसके लिए कृत्रिम बाधा नहीं डालनी चाहिए। हमें एपेक की नेतृत्व वाली भूमिका निभाते हुए आपसी लाभ और समान विकास का विचार रखना चाहिए। इसके साथ साथ मैक्रो आर्थिक नीति में समन्वय, मुक्त क्षेत्रीय व्यापार और क्षेत्रीय एकीकरण बढ़ावा दिया जाएगा। ताकि प्रशांत महासागर के दोनों तटों के बीच और घनिष्ठ संबंध स्थापित होकर क्षेत्र का विकास किया जा सके।"

शी चिनफिंग ने चीन की ओर से उम्मीद जताई कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र के साझेदारों के साथ सुन्दर भविष्य तैयार होगा।

गौरतलब है कि एपेक का अनौपचारिक शिखर सम्मेलन 2014 में चीन में आयोजित होगा। शी चिनफिंग ने कहा कि चीन मौका उठाकर भविष्य की ओर उन्मुख होने के समय व्यवहारिक सहयोग मजबूत करेगा, ताकि क्षेत्रीय विकास का सुन्दर भविष्य तैयार हो सके।

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