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एशिया प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक सहयोग संगठन एपेक की 21वीं अनौपचारिक शिखऱ बैठक 7 अक्टूबर को इंडोनेशिया के बाली द्वीप में शुरू हुई। एपेक के 21 सदस्य देशों व क्षेत्रों के नेता इसमें शामिल हुए। वे वैश्विक आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में एक अधिक प्रबल और समृद्ध एशिया व प्रशांत क्षेत्र की स्थापना पर विचार विमर्श करेंगे। लीजिए सुनिए हमारे संवाददाता द्वारा बाली द्वीप से भेजी गयी एक रिपोर्ट।
इस शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय है कि ऊर्जावान एशिया व प्रशांत ,पूरे विश्व का इंजन। इस बैठक में तीन मुख्य मुद्दों पर फोकस किया जाएगा यानी बोगोर गोल्स पूरा करने की कोशिश की जाएगी। विकास में सामाजिक न्यायता ,पर्यावरण संरक्षण ,निरंतर व न्यायपूर्ण आर्थिक वृद्धि साकार की जाए और सदस्यों के आपस में पारस्परिक संपर्क व आवाजाही को बढा़या जाए। इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुसिलो युधोयोनो ने उस दिन की बैठक में भाषण देते हुए कहा कि वर्ष 1995 से एपेक क्षेत्रीय आर्थिक व व्यापारिक विकास में अहम भूमिका निभाता आया है ।वर्तमान वैश्विक आर्थिक संकट की पृष्ठभूमि में एपेक इस क्षेत्र की आर्थिक स्थिरता और वृद्धि में अधिक कुंजीभूत भूमिका निभाएगा ।उन्होंने कहा।
वर्तमान परिस्थिति में एपेक की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है। हम वैश्विक आर्थिक मंदी से उबर नहीं पाएँ हैं और संकट से पैदा कुप्रभाव का असर हो रहा है। यही कारण है कि हमें विभिन्न सदस्य देशों के के बीच घनिष्ठ सहयोग बढाकर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में तेजी लानी और वैश्विक आर्थिक बहाली करनी चाहिए।
अमेरिका के घरेलू राजनीतिक संघर्ष और सरकार के कुछ विभागों का मजबूरी में बंद होने के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पूर्व निर्धारित एशिया दौरा रद्द किया। ओबामा की ओर से इस बैठक में अमेरिकी विदेशी मंत्री जॉन केरी भाग ले रहे हैं। उन्होंने पहले कहा था कि अमेरिका और एशिया का संबंध अभूतपूर्व तरीके से करीब हो रहा है। अमेरिका एपेक को इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और विकास पर विचार विमर्श करने वाले प्राथमिक मंच के रुप में देखता है ।उन्होंने कहा।
हम पारस्परिक पूंजी निवेश बढाने, आर्थिक संपर्क मजबूत करने और अधिक रोज़गार पैदा कर आर्थिक वृद्धि साकार करने पर विचार करेंगे। हम निर्यात बढाने ,कस्टम टैक्स घटाने ,उत्पादों के मुक्त आवाजाही को गति देने और लॉजिस्टिक्स व पारस्परिक संपर्क को सुधार कर सहयोग गहराएंगे। ये कदम विभिन्न देशों के बीच बाधा व रुकावट मिटाने में मददगार होंगे और अंत में इस क्षेत्र और विश्व के अन्य क्षेत्रों में शांति ,सुरक्षा और समृद्धि पूरी की जाएगी ।
व्यापार व पूंजी निवेश के उदारीकरण ,वाणिज्य के सरलिकरण और आर्थिक व वैज्ञानिक व तकनीकी सहयोग के अलावा व्यापारिक पूंजी का विस्तार और ढांचागत सुधार चालू साल की बैठक के मुख्य विषय हैं ।मध्य व लघु उद्यमों की व्यापक प्रतिस्पर्द्धात्मक शक्ति , वित्त ,खाद्य सुरक्षा व स्वास्थ्य और विभिन्न क्षेत्रों व विभिन्न सदस्यों के बीच संपर्क पर भी विचार विमर्श किया जाएगा ।
एपेक के 21 सदस्यों में से सिर्फ तीन लातिन अमेरिकी देश हैं ।पर लातिन अमेरिका पर एपेक का प्रभाव काफी ज्यादा है ।एपेक लातिन अमेरिका और एशिया व प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक व व्यापारिक सहयोग का पुल बन चुका है ।मैक्सिको के राष्ट्रपति एंरिक पना नायटो ने बताया।
एपेक सचमुच विभिन्न सदस्य देशों व आर्थिक समुदायों के लिए विकास का बेहतर मौका प्रदान करता है ।हमें यकीन है कि यह एशिया व प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ।