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अगले साल के बजट को मंजूरी न मिलने के चलते अमेरिका में आर्थिक संकट गहरा गया है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने संघीय एजेंसियों को सरकारी दफ्तरों में काम बंद करने यानी शटडाउन के आदेश दिए हैं। अमेरिकी सरकार का कामकाज ठप (शटडाउन) हो गया है। एक चौथाई से अधिक संघीय सरकार के कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर जाना पड़ा है। बहुत से नागरिक और व्यवसाय इससे प्रभावित हो गये है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिकी सरकार का कामकाज ठप हो जाने से हर दिन 30 करोड अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान होता है। इसके चलते आम अमेरिकी इस संकट को कैसे देखते हैं?बजट को लेकर अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के मुकाबला का भविष्य कैसा होगा?लीजिए सुनिए अमेरिका स्थित हमारे रिपोर्टर द्वारा भेजी गयी एक रिकार्डिंग रिपोर्ट।
राष्ट्रपति बराक ओबामा और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण बजट को तय समयसीमा 30 सितंबर की रात 12 बजे तक मंजूरी नहीं मिल पाई। इसकी वजह से अमेरिका में 17 साल बाद एक बार फिर 'शटडाउन' शुरू हो गया है। इसके तहत संघीय सरकार के गैर-जरूरी कामकाज बंद कर दिए जाएंगे। इससे आम अमेरिकियों के बीच बडा असंतोष पैदा हुआ है।
"मुझे बेहद गुस्सा है। आपको पता है कि ऐसी बातों से बचना चाहिए था। मेरे वेतन के बजाय उनके वेतन को काटना चाहिए। "
लेकिन आम अमेरिकियों का क्रोध दोनों पार्टियों के मतभेद को दूर नहीं कर सका है। कांग्रेस के सीनेट और प्रतिनिधि सदन ने वर्ष 2014 वित्त वर्ष की सरकारी बजट पर समझौता नहीं किया है। सरकार के कामकाज को बंद करना पडा।
30 लाख संघीय सरकारी कर्मचारियों में से 8 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को जबरन बिना वेतन की छुट्टी पर जाना पड़ा है। संघीय सरकार के ठेकेदारों ने संबंधित कर्मचारियों को घटाने का फैसला किया। जबरन छुट्टी पर जाने वाले एक संघीय कर्मचारी ने बताया कि उनको वर्तमान आर्थिक कठिनाईयों का सामना करने के लिए सभी उपाय करना पडेगा। उन्होंने बताया:
"हम शायद जमा पैसों का प्रयोग करेंगे यहां तक कि हमें मकान का कर्ज चुकाने वाले पैसे का प्रयोग करना पडेगा। "
सरकारी बंदी के प्रभाव से राजधानी वाशिंटन में स्मारक भवन,संग्रहालय व चिडिया घर में पहले की तरह भीड-भाड़ का नजारा गायब हो गया है। सिर्फ पीले रंग वाली सर्तकता लाइन या कई जगहों पर माफी मांगने की सूचनाएं नजर आती हैं। ऐसा दृश्य देश भर में मौजूद 400 से अधिक राष्ट्रीय पार्कों में देखने को मिल रहा है।
एक 63 वर्षीय रिटाइर्ड वरिष्ठ नागरिक ने स्थानीय टीवी चैनल को बताया कि संघीय सरकार की बंदी से उनकी सुनहरी छुट्टी बिताने का सपना टूट गया है। उन्होंने बताया:
"जब मैं बच्चा था, तो ग्रेट वेली जाना चाहता था। अब मेरी आयु 63 वर्ष हो गयी है और पहली बार ग्रेट वेली जाने के लिए तैयार हूं। पर अगर मैं इस समय जाऊंगा, तो कुछ भी नहीं देख पाउंगा। "
विश्लेषकों के विचार में इस बार अमेरिकी सरकार की कामबंदी से हर दिन का आर्थिक नुकसान कम से कम 30 करोड अमेरिकी डॉलर होगा। उधर मशहूर रेटिंग संस्था मूडीज ने कहा कि अगर सरकार कामकाज तीन से चार हफ्ते तक बंद रहा, तो आर्थिक नुकसान 55 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होगा।
मशहूर अमेरिकी संवाददाता एवं एंकर बोब सिफ ने दो टूक में कहा कि रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच के संघर्ष से अमेरिकी जनता सबसे ज्यादा प्रभावित होगी। उन्होंने कहा:
"आने वाले कुछ दिनों में अवश्य ही बहुत बहस होगी। इस पर बहस होगी कि इसका जिम्मेदार कौन है और किस पार्टी को जीत मिली है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिकी जनता होगी। "
अब अमेरिकी सिनेट और प्रतिनिधि सदन बैठक कर रहे है। लेकिन अमेरिकी जनता को उन पर बडा असंतोष है। जनमत सर्वेक्षण से पता चला कि वर्तमान में कांग्रेस की समर्थन दर सिर्फ 10 प्रतिशत है, जो इतिहास में सबसे कम है। कुछ लोगों का अनुरोध है कि कांग्रेस के सदस्यों का बहिष्कार किया जाना चाहिए, ताकि वे इसके प्रति राजनीतिक कीमत चुका सके। अधिकांश लोगों ने कहा कि भावी चुनाव में वे अधिक सतर्क रहेंगे।