इस के बारे में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि इस यात्रा का लक्ष्य स्पष्ट है, इस के दौरान कई विषयों पर काम किए गए हैं और अनेक ठोस उपलब्धियां हासिल हुई हैं। मध्य एशिया के उक्त 4 देशों ने शी चिनफिंग की इस यात्रा को भारी महत्व दिया और सर्वोच्च सम्मान से यात्रा का विशेष प्रबंध किया। इन 4 देशों में जहां शी चिनफिंग गए, वहां मैत्री का व्यापक माहौल महसूस किया गया और आपसी सहयोग के सुफल दिखाई दिए। शी चिनफिंग की इन 4 देशों की यात्रा ने मीडिया में सुर्खियां बटोरी हैं।
वांग यी ने कहा कि इस यात्रा के दौरान जो उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं, उनमें मुख्यतः राजाध्यक्षों में घनिष्ठ दोस्ती और मजबूत विश्वास कायम करना, चीन और मध्य एशियाई देशों के बीच रिश्तों के स्तर को उन्नत करना, रेशम मार्ग से जुड़ी आर्थिक पट्टी बनाने की रणनीतिक परिकल्पना को प्रस्तुत करना और शांगहाई सहयोग संगठन के स्वस्थ एवं व्यावहारिक विकास को बढावा देना शामिल हैं।
वांग यी ने यह भी कहा कि शी चिनफिंग की तुकमानिस्तान, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान और गिरकिस्तान की यात्रा और बिश्केक में आयोजित शांगहाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में उन की उपस्थिति से इस क्षेत्र में पड़ोसियों जैसी मैत्री एवं सहयोग की नई शुरूआत हुई है, विभिन्न सभ्यताओं के बीच विचार-विमर्श का नया अध्याय जुडा है और रेशम मार्ग के साझे विकास का नया युग शुरू हुआ है। इसका चीन के पश्चिमी हिस्से के विकास को तेज करने और चीन के पास-पड़ोस के वातावरण को बेहतर बनाने में बड़ा और दूरगामी महत्व है। चीन मध्य एशियाई देशों के साथ मिलकर विश्व शांति के लिए कोशिश जारी रखेगा।