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शांगहाई सहयोग संगठन के विभिन्न सदस्य व्यवहारिक सहयोग बढाएंगे
2013-09-12 16:07:57

शांगहाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के आयोजन के उपलक्ष्य में चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी ने हाल में वर्ष 2013 मध्य एशिया विकास रिपोर्ट और वर्ष 2013 शांगहाई सहयोग संगठन विकास रिपोर्ट जारी किये। विश्लेषकों का मानना है कि चीन और मध्य एशिया के चार देश शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य हैं और भविष्य में संगठन के ढांचे में गहरा सहयोग करेंगे।

वर्ष 2013 शांगहाई सहयोग संगठन की विकास रिपोर्ट में कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में शांगहाई सहयोग संगठन ने मध्य एशियाई क्षेत्र के विकास को बढाया है और द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग मजबूत भी किया है। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के शांगहाई सहयोग संगठन के महासचिव सुन च्वांग ची ने कहा कि शांगहाई सहयोग संगठन मध्य एशिया की स्थिरता और विकास बनाए रखने में एक अहम शक्ति बना है। उनका कहना है

"अभी शांगहाई सहयोग संगठन एक बहुत अच्छी क्षेत्रीय सहयोग व्यवस्था है, जिसने अपने सदस्य देशों के आर्थिक विकास बढाने और क्षेत्रीय स्थिरता व सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। विशेषकर मध्य एशियाई देशों के लिये शांगहाई सहयोग संगठन अत्यन्त अहम है। उसने अंतर्राष्ट्रीय अपराधों का मुकाबला किया और संबंधित सहयोग व लाभदायक प्रणाली की स्थापना की, जिससे सदस्य देशों के द्विपक्षीय संबंधों का और विकास हुआ है।"

वर्ष 2001 में शांगहाई सहयोग संगठन की औपचारिक स्थापना हुई, जिस में चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान समेत छह देश शामिल हुआ। चीन और मध्य एशिया के बीच आदान-प्रदान सेतू के नाते शांगहाई सहयोग संगठन ने द्विपक्षीय व्यवस्था और क्षेत्रीय सुरक्षा आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कीं और अधिक से अधिक अहम भूमिका निभायी है।

2013 शांगहाई सहयोग संगठन की विकास रिपोर्ट में कहा गया कि संगठन की स्थापना के पिछले दसेक सालों से भारी प्रभाव पड़ा है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की व्यापक मान्यता प्राप्त भी है।

चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के रूस-पूर्वी यूरोप-मध्य एशिया अनुसंधान विभाग के उप-प्रभारी, 2013 मध्य एशिया की विकास रिपोर्ट के संपादक सुन ली ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट की पृष्टभूमि में शांगहाई सहयोग संगठन ने नयी चुनौतियों का मुकाबला किया है। सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था स्थिर रूप से बढी है। इसमें चीन ने कुंजीभूत भूमिका अदा की है। उन्होंन कहा

"शांगहाई सहयोग संगठन ने मध्य एशिया के क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग में अत्यन्त भूमिका निभायी है। पिछले साल चीन और मध्य एशिया के बीच सहयोग राशि 40 अरब अमरीकी डॉलर तक जा पहुंची है। इस साल चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनपिंग ने उज़्बेकिस्तान की यात्रा के दौरान घोषणा की कि वर्ष 2017 में दोनों देशों की व्यापार राशि 5 अरब अमरीकी डॉलर तक रहेगी। हाल के वर्षों मे संपन्न विभिन्न समझौतों और संधियों से देखा जाए, तो 2015 के बाद चीन और मध्य एशिया की व्यापार राशि 60 अरब अमरीकी डॉलर से अधिक होगी, जिससे चीन और मध्य एशिया के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग निरंतर बढेगा। मध्य एशिया के आर्थिक विकास और क्षेत्रीय समृद्धि उन्नत करने में शांगहाई सहयोग संगठन ही नहीं, बल्कि चीन ने भी अहम भूमिका निभायी है।"

2013 मध्य एशिया की विकास रिपोर्ट में कहा गया कि इधर के वर्षों में मध्य एशिया में अंतर्राष्ट्रीय पारिस्थिति में जटिल परिवर्तन आया है, जो रूस और अमरीका के सामरिक समायोजन से जुडा हुआ है। सुन च्वांगची ने कहा शांगहाई सहयोग संगठन का मौजूदा शिखर सम्मेलन विशेष ऐतिहासिक परिस्थितियों में विशेष मिशन को लिया हुआ है यानी शांगहाई सहयोग संगठन मध्य एशियाई देशों के भावी विकास के लिये एक मौका भी है और चुनौती भी। उनका कहना है

"एक तरफ इस परिवर्तन से द्विपक्षीय संबंधों के विकास को कठिन बनाया गया है। दूसरी तरफ हालांकि कठिनाइयां और चुनौतियां पहले से अधिक है, फिर भी मौका और हित पहले से ज्यादा भी है। विभिन्न सदस्य देश सहयोग के मौके से लाभ उठा सकेंगे। अभी विभिन्न सदस्य देशों के बीच आर्थिक विकास के स्तर में बड़ा अंतर है, इसलिये विभिन्न पक्षों के बीच समन्वय की आवश्यकता भी है ताकि शांगहाई सहयोग संगठन का और विकास हो सके।"

सुन च्वांगची के विचार में भविष्य में शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों को आर्थिक क्षेत्रों में मुख्य परियोजनाओं और कार्यक्रमों में कारगर सहयोग करना और राजनीतिक स्थिरता व आर्थिक विकास को बनाए रखना चाहिए।

(रूपा)

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