अक्तूबर वर्ष 2011 से दो वर्षों के भीतर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में 60 हज़ार सरकारी कर्मचारी, स्वायत्त प्रदेश के 5459 गांवों और 1877 मठों जैसे आधारभूत स्तरीय क्षेत्रों में भेजकर काम करने लगे। यह वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद से अब तक सबसे बड़ा अभियान है।
बताया जाता है कि ये सरकारी कर्मचारी गांवों में जाकर गांववासियों के साथ रहते हैं। वे मार्ग, पेयजल और बिजली के निर्माण के साथ गांवों के आधारभूत संस्थापनों में सुधार के काम करेंगे, ताकि तिब्बत की विभिन्न जातियों के बुनियादी स्तर के लोगों के साथ आर्थिक विकास के चलते खुशहाल जीवन को साकार किया जा सके।
(श्याओ थांग)