चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 5 सितम्बर को रूस के उत्तर-पश्चमी शहर सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स नेताओं की अनौपचारिक वार्ता में हिस्सा लिया। उन्होंने ब्राजील की राष्ट्रपति दिल्मा रोस्सेफ, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दक्षिण अफ्रिकी राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा के साथ ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग और महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया। शी चिनफिंग ने बल देते हुए कहा कि विभिन्न प्रकार के खतरों और चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए ब्रिक्स देशों को महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमतियां अपनाते हुए आपस में एकता और सहयोग को मज़बूत करना चाहिए।
शी चिनफिंग ने कहा कि ब्रिक्स देशों को अपनी गतिविधियां समन्वय करके जी-20 की सेंट पीटर्सबर्ग शिखर सम्मेलन की सकारात्मक उपलब्धियों की प्राप्ति को बढ़ाना चाहिए। वर्तमान स्थिति में समान रूप से विकसित देशों द्वारा अपनाई गई उदार मुद्रा नीति से पैदा प्रभाव का अच्छी तरह मुकाबला करना चाहिए। साथ ही खुले वैश्विक अर्थतंत्र को बनाए रखते हुए उसका विकास करना चाहिए और व्यापारिक संरक्षणवाद का विरोध करना चाहिए। तीसरा, भूमंडलीय आर्थिक प्रचालन में नवोदित देशों के प्रतिनिधित्व और बोलने के अधिकार को सुदृढ़ करना चाहिए।
अनौपचारिक शिखर वार्ता में उपस्थिति ब्रिक्स देशों के नेताओं ने कहा कि वर्तमान वैश्विक अर्थतंत्र को खतरों और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, आर्थिक पुनरुत्थान का आधार अब भी कमज़ोर है। जी-20 के सदस्य देशों समेत प्रमुख आर्थिक समुदायों को मैक्रो आर्थिक नीति के समन्वय मज़बूत करना चाहिए, ताकि विश्व अर्थतंत्र की जबरदस्त, सतत और संतुलित वृद्धि साकार हो सके। ब्रिक्स नेताओं ने संबंधित विकसित देशों से उदार मुद्रा नीति लागू करने के दौरान इससे पैदा प्रभाव पर पूर्ण रूप से सोच विचार करने की अपील की।
(श्याओ थांग)