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एशियाई युवा खेलों में भाग लेने वाले श्रीलंकाई खिलाड़ी
2013-09-04 18:00:51
स्वर्ण पदक जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है। चाहे उसे हासिल कर पाए या नहीं, अगर प्रतियोगिता में हिस्सा और अपनी ओर से पूरी कोशिश की, तो बहुत खुशी होती है। नानचिंग में आयोजित दूसरे एशियाई युवा खेलों में भाग लेने वाले श्रीलंकाई खिलाड़ी यही कहते हैं।

नौ दिन तक चला यह खेल समारोह 24 अगस्त को समाप्त हुआ। एशिया के 45 देशों व क्षेत्रों से आए 2500 से ज्यादा युवा खिलाड़ियों ने इसमें भाग लिया। उनकी उम्र 14 से 17 वर्ष के बीच थी। इस बार श्रीलंका ने कुल 37 खिलाड़ियों को भेजा। उनमें 27 पुरुष खिलाड़ी और 11 महिला खिलाड़ी शामिल थी। प्रतियोगिता की 16 इवेंटों में श्रीलंका ने कुल 8 इवेंटों में भाग लिया, और एक रजत पदक व पांच कांस्य पदक जीते।

हालांकि श्रीलंका की टीम कोई भी स्वर्ण पदक नहीं जीत सकी। लेकिन ये युवा खिलाड़ी निराश नहीं हुए। उनके ख्याल से अगर उन्होंने प्रतियोगिता में पूरी कोशिश की तो उनके लिये खेद की कोई बात नहीं है। महिलाओं की चार सौ मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीतने वाली 16 वर्षीय मदुशिका ने कहा,इस बार की चीन यात्रा बहुत अच्छी रही। क्योंकि यहां मैंने अपना सपना पूरा किया। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में यह मेरा पहला पदक है। यह अभी तक का मेरा सबसे अच्छी व्यक्तिगत रिकॉर्ड भी है। मैंने अपने देश के लिये गौरव हासिल किया।

पुरुषों की 110 मीटर बाधा दौड़ के रजत पदक जीतने वाले 16 वर्षीय विदुशंका ने कहा कि हालांकि वे गोल्ड मेडल नहीं जीत सके, लेकिन उन्हें दुख नहीं हुआ। उन्होंने कहा, मैंने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया, और बहुत अनुभव हासिल किया। मेरे यहां आने का लक्ष्य पदक जीतना था। और मेरा लक्ष्य पूरा हो गया। यहां के खेल उपकरण बहुत अच्छे हैं। मैंने प्रतियोगिता में खूब मज़ा लिया।

महिला स्क्वॉश की एकल प्रतियोगिता में 15 वर्षीय खिलाड़ी मिहिलिया ने कांस्य पदक जीता। इस पर उन्हें बहुत खुशी हुई। क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय मैच के मैदान पर उन्होंने उच्च स्तरीय खिलाड़ियों के साथ मुक़ाबला किया। यह एक खुशी की बात है। उन्होंने कहा, हालांकि स्वर्ण पदक जीतने का मौका नहीं मिला, पर मैं दुःखी नहीं हूं। इस इवेंट की चैंपियन यानी मलेशिया की खिलाड़ी वनेस्सा राज के साथ खेलकर मैं बहुत खुश हूं। उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा है। मैं एक युवा खिलाड़ी हूं, मेरे पास अनुभव की कमी है। इससे पहले मेरा लक्ष्य पहले आठ स्थानों में प्रवेश करना था, और पदक जीतने का कोई विचार नहीं था। मैं इतनी भाग्यशाली हूं। यहां मैंने अपना सपना पूरा किया है। और मेरे माता-पिता का सपना भी पूरा हुआ।

शेमाल दिस्सानायक श्रीलंका टीम के अध्यक्ष व झंडा वाहक हैं। इसके अलावा उन्होंने टेनिस की एकल व युगल प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया। हालांकि उन्होंने उपलब्धि हासिल नहीं की, लेकिन उन्होंने बहुत खुशी के साथ नानचिंग में अपना जीवन बिताया। उनके अनुसार उन्होंने तीसरी बार चीन में प्रतियोगिता में भाग लिया। हर बार उन्हें बहुत आनंद मिला। उन्होंने कहा, चीनी लोग बहुत मेहमाननवाज हैं, और उत्साही भी। अगर खिलाड़ी को किसी चीज़ की जरूरत है तो वे ज़रूर इसे पूरा करने की कोशिश करेंगे। हालांकि प्रतियोगिता में मैं हार गया, लेकिन मैं बहुत खुशी के साथ यहां जीवन बिता रहा हूं।

खेल भावना की चर्चा में 15 वर्षीय शेमाल के ख्याल से पदक प्राप्त करना हर खिलाड़ी की इच्छा है। लेकिन यह खेल भावना का पूरा विषय नहीं है। प्रतियोगिता में जीत या हार सबसे महत्वपूर्ण बात नहीं होती। सबसे अहम यह है कि प्रतियोगिता में भाग लेने से अनुभव हासिल करना और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करना। उन्होंने कहा, टेनिस ने मुझे कुछ बहुत दिया। चाहे प्रतियोगिता में जीत हो या हार, ये सभी मेरी जिंदगी में एक मूल्यवान अनुभव है। इसके अलावा यह पहला मौका है जब मैंने श्रीलंकाई टीम के अध्यक्ष के रूप में प्रतियोगिता में भाग लिया। मैं बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं। हालांकि मैंने कोई पदक नहीं जीता, पर मुझे विश्वास है कि भविष्य में मैं ज़रूर सफल हूंगा। अब विश्व रैंकिंग में मैं 202वें स्थान पर हूं। और मेरा लक्ष्य है पहले 100 में प्रवेश करना है।

खिलाड़ियों द्वारा प्राप्त उपलब्धियों के प्रति श्रीलंका टीम के अध्यक्ष व प्रशिक्षक भी बहुत संतुष्ट हैं। ट्रैक एन्ड फ़ील्ड टीम के अध्यक्ष रातसुरिया ने कहा, खिलाड़ियों द्वारा हासिल अंकों से हम बहुत संतुष्ट हैं। इस बार श्रीलंका की ट्रैक एन्ड फ़ील्ड टीम ने कुल चार पदक जीते। पिछले सिंगापुर एशिया युवा खेल की अपेक्षा दो पदक अधिक रहे। यह बड़ी प्रगति है। मुझे बहुत खुशी हुई।

रातसुरिया के विचार में पदक जीतना प्रतियोगिता का एकमात्र लक्ष्य नहीं होता। इससे अनुभव एकत्र करना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा, इस बार हमारे चीन आने का उद्देश्य भविष्य के लिये आधार तैयार करना है। हम अगले वर्ष आयोजित होने वाले युवा ओलंपिक और वर्ष 2017 के हामबानटोटा एशियाई युवा खेलों के लिये तैयारी कर रहे हैं। हमारे ख्याल से पदक हासिल करने की अपेक्षा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अनुभव प्राप्त करना युवा खिलाड़ियों के प्रति ज्यादा मायने रखता है।

खेल प्रतियोगिता के अलावा सांस्कृतिक गतिविधि भी इस बार के एशियाई युवा खेलों की एक विशेषता रही। चीन के नानचिंग शहर में एशियाई सांस्कृतिक गांव, नानचिंग से संपर्क रखें, पारिस्थितिक कृषि की प्रदर्शनी आदि गतिविधियों का आयोजन किया गया। ताकि खिलाड़ी फुर्सत के क्षणों में रंगारंग सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग ले सकें। इसके साथ वे अच्छी तरह से चीन व नानचिंग को समझ सकते हैं। खासतौर पर एशियाई सांस्कृतिक गांव की गतिविधि पर विभिन्न देशों के युवाओं की नज़र केंद्रित हुई है।

यह सांस्कृतिक गांव खेल गांव में स्थित है। हर बार खिलाड़ी भोजन करने के लिये यहां से गुजरते हैं। यहां एशिया के 45 देशों व क्षेत्रों के सांस्कृतिक मकान दिखते हैं। प्रतिदिन भोजन करके विभिन्न देशों के युवा खिलाड़ी यहां आकर मज़ा लेते हैं।

सांस्कृतिक गांव में श्रीलंकाई भवन ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों को आकर्षित किया है। यहां रखी गयी बहुत चीज़ें श्रीलंका की विशेषता है। नानचिंग चिनलिंग कॉलेज की एक छात्रा शू च्या ली ने कहा इस भवन की सजावट में बहुत समय लगा। इसमें खींचे गए सभी चित्र हमने इंटरनेट से हासिल किए हैं। हमारे कॉलेज में एक अध्यापक ने श्रीलंका की यात्रा की थी। उन्होंने हमें कुछ सुझाव दिये। इस मकान में नकली कमल बनाने की गतिविधि आयोजित होती है। क्योंकि कमल श्रीलंका का राष्ट्रीय फूल है। साथ ही मछली पकड़ने से जुडे एक खेल का आयोजन भी किया गया है। यह श्रीलंका में मछली पकड़ने का एक परंपरागत तरीका है। और एक गतिविधि यह है कि हम विभिन्न देशों के खिलाड़ियों को श्रीलंका के परंपरागत नृत्य सिखाते हैं। श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने यहां खूब मज़ा लिया।

श्रीलंकाई ट्रैक एन्ड फ़ील्ड टीम के अध्यक्ष रातसुरिया ने कहा कि यह भवन देखकर मुझे अपने जन्मस्थान की याद आ गई । उन्होंने कहा, यहां की सजावट बहुत अच्छी है। तमाम श्रीलंका की विशेषता वाली चीज़ें हैं। चीन में हम यह देख सकते हैं, जो बहुत अच्छा लगा। इसे देखकर मैं अपने घर को याद करता हूं।

स्क्वॉश खिलाड़ी मिहिलिया ने कहा कि हालांकि वे देश के बाहर हैं, लेकिन हर दिन वे अपने साथियों के साथ यहां खेलते हैं, तो अकेलापन महसूस नहीं होता। उन्होंने कहा, यहां बहुत दिलचस्प चीज़ें हैं। बहुत भीड- भाड़ है। मैंने श्रीलंकाई सांस्कृतिक भवन में मछली पकड़ना, तीरंदाज़ी व चित्र बनाना आदि खेलों में भाग लिया। बहुत मज़ा आया।

सांस्कृतिक गतिविधि के अलावा खेल गांव में उपकरणों से खिलाड़ी भी बहुत संतुष्ट हैं। श्रीलंकाई ऊंची कूद खिलाड़ी बानदारा ने कहा, मैंने पहली बार चीन की यात्रा की है। और पहली बार खेल गांव में रहा हूं। यहां के उपकरण बहुत अच्छे हैं।

अगली बार के एशियाई युवा खेलों का आयोजन वर्ष 2017 में दक्षिण श्रीलंका के बंदरगाह शहर हामबानटोटा में होना है। श्रीलंकाई टीम के सभी खिलाड़ियों व अध्यक्षों ने यह आशा जताई है कि अगली बार के खेल नानचिंग द्वारा आयोजित युवा खेलों की तरह सफल होंगे। ट्रैक एन्ड फ़ील्ड टीम के अध्यक्ष रातसुरिया ने कहा, सचमुच, हम नानचिंग को धन्यवाद देना चाहते हैं। यहां के सभी प्रबंधन बहुत अच्छे हैं। रहन-सहन या भोजन सभी अच्छी तरह से तैयार हैं। खासतौर पर स्वयंसेवकों ने हम पर गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने बहुत मेहनत की, जिससे हम बहुत प्रभावित हैं। हमें नानचिन से बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है। मुझे आशा है कि वर्ष 2017 में हामबानटोटा में आयोजित होने वाले एशियाई युवा खेल इस बार की तरह बेहतरीन होंगे।

चंद्रिमा

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