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सीरिया पर सैन्य हस्तक्षेप से पहले सुरक्षा परिषद की अनुमति ज़रूरी
2013-09-04 17:03:39

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने सीरिया के खिलाफ कोई भी कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र चार्टर के ढांचे में रहकर किए जाने की अपील की है। साथ ही कहा कि सैन्य हस्तक्षेप करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अनुमति मांगनी चाहिये।

3 सितंबर को महासचिव बान की मून ने न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ज़ोर देते हुए कहा कि सीरिया के खिलाफ़ किसी भी तरह का सैन्य हस्तक्षेप सुरक्षा परिषद की अनुमति के बिना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, जैसा कि मैंने कई बार ज़ोर दिया है कि सुरक्षा परिषद को अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के मुद्दे पर प्रमुख जिम्मेदारी उठानी चाहिये। हमला या सैन्य हस्तक्षेप केवल दो स्थिति में वैध माना जा सकता है। पहला, संयुक्त राष्ट्र चार्टर की 51वीं धारा के अनुसार आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग। और दूसरा, सुरक्षा परिषद से अनुमति हासिल करना।

रूस में आयोजित होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले बान की मून ने मीडिया से सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की जांच कार्य से जुड़ी ताज़ा जानकारी देते हुए यह कहा। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र जांच दल ने नीदरलैंड के हेग वापस लौटने के बाद आरंभिक तैयारी कार्य समाप्त किया है। नमूने यूरोप स्थित विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजे जाएंगे। ताकि ज्यादा ठोस परीक्षण और विश्लेषण किया जा सके। बान की मून ने कहा, जांच दल सीरिया से वापस लौटने के बाद दिन-रात काम कर रहा है। ताकि नमूनों का अच्छी तरह से विश्लेषण किया जा सके। मैं बड़ी खुशी के साथ यह घोषणा कर रहा हूं कि कल तक सभी जैविक व पर्यावरण नमूने निश्चित प्रयोगशालाओं में भेजे जाएंगे।

इससे पहले बान की मून ने सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य देशों व अन्य दस अस्थाई सदस्य देशों को जांच दल को कार्य में मिली प्रगति की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र जांच दल ने लगातार समय के साथ मुकाबला किया। लेकिन परिणाम के लिए धैर्य के साथ इंतजार करना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने यह भी जोर दिया है कि रासायनिक हथियारों के जांच दल को सुचारू रूप से काम करने के लिए समर्थन देना विभिन्न पक्षों के हितों से मेल खाता है। उन्होंने कहा, दो हफ्ते पहले दमिश्क के नजदीक गौटा क्षेत्र में जबरदस्त हमला होने के बाद डॉ. अके सेल्लस्टरोम के नेतृत्व में जांच दल लगातार रासायनिक हथियारों के प्रयोग में वास्तविक स्थिति का पता लगाने में व्यस्त है। 21वीं सदी में नरसंहारक हथियारों का प्रयोग करने से जुड़ी खबरों की पहली जांच के रूप में जांच दल की सफलता हर व्यक्ति के हित से जुड़ी हुई है। साथ ही मैं इस बात पर बल देना चाहता हूं कि वैज्ञानिक तरीके से इस घटना का विश्लेषण करने में समय चाहिये। गौटा क्षेत्र की इस घटना पर किसी भी परिणाम की जानकारी मैं सीधे सदस्य देशों व सुरक्षा परिषद को दूंगा।

बान की मून कहते हैं कि रासायनिक हथियारों का प्रयोग करने की सच्चाई की पुष्टि होने पर इसका इस्तेमाल करने वालों को गंभीर सज़ा मिलेगी। क्योंकि इस कार्रवाई ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को तोड़ दिया। साथ ही बान की मून ने सुरक्षा परिषद से मिल-जुलकर कोशिश करके राजनयिक तरीके से सीरिया संकट का समाधान करने की प्रक्रिया पुनः शुरू करने पर ज़ोर दिया। और जल्द से जल्द सीरिया मुद्दे पर दूसरे दौर के जिनेवा सम्मेलन का आयोजन करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा है कि जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान वे लगातार उपस्थित विभिन्न देशों के नेताओं के साथ सीरिया की स्थिति पर विचार-विमर्श करेंगे।

चंद्रिमा

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