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एशिया व यूरोप के देशों के साथ सहयोग बढ़ाएगा चीन
2013-09-03 16:55:07

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। तीसरा चीन-यूराशिया एक्सपो 2 सितम्बर को शिनच्यांग की राजधानी उरूमची में उद्घाटित हुआ। चीनी उप राष्ट्राध्यक्ष ली य्वेनछाओ ने उद्घाटन समारोह में कहा कि एशिया व यूरोप चीन के विदेशी व्यापार व पूंजी निवेश बढ़ाने के नए क्षेत्र हैं। आगामी 5 सालों में चीन एशिया व यूरोप से करीब 80 खरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात करेगा। एशिया व यूरोप में चीन की सीधी पूंजी 4.5 खरब डॉलर को पार करने का अनुमान है, जो अवश्य ही चीन व यूरेशियाई देशों के आपसी लाभ वाले सहयोग को नये मौके प्रदान करेगा।

वर्ष 2011 में प्रथम चीन-यूरेशिया एक्सपो उरूमची में आयोजित हुआ और एशिया व यूरोप की मुख्यभूमि के बीच मैत्री व सहयोग के नये पुल की स्थापना की गयी। चीनी उप राष्ट्राध्यक्ष ली य्वेनछाओ ने 2 सितम्बर को उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए कहा कि एशिया व यूरोप के देशों के बीच खुलेपन व सहयोग का विस्तार करना इस क्षेत्र के विकास व समृद्धि का अहम रास्ता है। उन्होंने कहा, एशिया व यूरोप के देशों को आपसी विश्वास, आपसी लाभ, समानता व साझेदारी की नयी सुरक्षा विचारधारा की स्थापना करनी चाहिए, अपने देश के कल्याण के सवाल पर एक दूसरे का समर्थन करना चाहिए। साथ ही महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सवालों पर सहयोग को मज़बूत करना चाहिए, बाजार के खुलेपन का विस्तार करना चाहिए, आर्थिक भूमंडलीकरण के लाभ का उपभोग करना चाहिए, व्यापारिक पूंजी की स्वतंत्रता व सुविधा को आगे बढ़ाना चाहिए।

ली य्वेनछाओ ने कहा कि एशिया व यूरोप के देशों को आबादी, संसाधन, बाजार व तकनीकी श्रेष्ठता को विकास की श्रेष्ठता में स्थानांतरित करके व्यापक खुलेपन व सहयोग को आगे बढ़ाना चाहिए। चीन एशियाई व यूरोपीय देशों से संपर्क बरकरार रखते हुए खुलेपन व सहयोग के भौतिक आधार को मज़बूत करेगा। ली ने कहा, चीन सरकार यह सुझाव पेश करती है कि एशियाई व यूरोपीय देशों को दोनों के बीच यातायात व परिवहन, तेल व गैस की पाइप लाईन, संचार व केबल लाईन और लॉजिस्टिक्स व व्यापार के नये रास्ते के निर्माण को आगे बढ़ाना चाहिए।

किर्गिजस्तान, ताजिकस्तान और मंगोलिया समेत कई देशों के शीर्ष नेताओं ने एक्सपो के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। उन्होंने आशा जताई कि चीन-यूरेशिया एक्सपो के प्लेटफार्म के जरिए इस क्षेत्र के देशों के बीच व्यापक सहयोग किया जा सकेगा। ताजिकस्तान के प्रथम उप प्रधानमंत्री दावलातोव ने कहा, चीन-यूरेशिया एक्सपो से यह जाहिर है कि एशियाई व यूरोपीय देशों के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग की महत्वपूर्ण व्यवस्था की स्थापना हो चुकी है। विभिन्न देश इस प्लेटफार्म के सहारे द्विपक्षीय व बहुपक्षीय संबंधों के आगे विकास के लिए अनुभवों का आदान प्रदान कर सकेंगे। वर्तमान एक्सपो यथार्थ सहयोग बढ़ाएगा।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की प्रमुख क्लार्क ने एशियाई व यूरोपीय देशों द्वारा सहयोग के विकास में प्राप्त उपलब्धियों की सराहना करके जोर दिया कि पर्यावरण का सवाल इस क्षेत्र के देशों के सामने आयी महत्वपूर्ण चुनौती है। पर्यावरण संरक्षण इस क्षेत्र के भावी आर्थिक विकास के लिए ही नहीं बल्कि मनुष्य के स्वास्थ्य व कल्याण के लिए भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम इस संदर्भ में विभिन्न देशों का समर्थन करने को तैयार है। उन्होंने कहा, पर्यावरण संरक्षण समस्या का समाधान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने चीन समेत विभिन्न देशों की सरकारों से सहयोग किया और हरित अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाया। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम विभिन्न देशों के साथ विकास के अनुभव का उपभोग करने को तैयार है।

वर्तमान चीन-यूरेशिया एक्सपो छह दिनों तक चलेगा। 40 से ज़्यादा देशों व क्षेत्रों के प्रतिनिधियों, छह अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और करीब 10 बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों ने एक्सपो में हिस्सा लिया। एक्सपो के दौरान चीन-यूरेशिया एक्सपो के आर्थिक व विकास सहयोग मंच, शांगहाई सहयोग संगठन के उद्योग व वाणिज्य उद्योगपति मंच आयोजित होंगे। वहीं चीन-यूरेशिया एक्सपो क्षेत्रीय संचार का आदान-प्रदान व सहयोग, वित्तीय विकास व सहयोग आदि 10 से ज़्यादा कार्यक्रम होंगे।

(श्याओयांग)

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