चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने स्थानीय समयानुसार 3 सितंबर दोपहर को तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात पहुंचकर मध्य एशियाई देश की राजकीय यात्रा शुरू की।
यात्रा के दौरान शी चिनफिंग राष्ट्रपति गुर्बानगुली बरदिमुहामदोव के साथ वार्ता करेंगे। सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के नेता प्राप्त उपलब्धियों के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करेंगे। दोनों पक्षों के संबंधित विभाग व उपक्रम सिलसिलेवार द्विपक्षीय सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगे।
बरदिमुहामदोव ने हाल ही में कहा कि तुर्कमेनिस्तान राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की यात्रा की प्रतीक्षा में है। आशा है कि इस यात्रा से तुर्कमेनिस्तान व चीन के रणनीतिक संबंधों में बड़ा विकास होगा।
वर्ष 1992 में चीन व तुर्कमेनिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की गयी। इसके बाद दोनों देशों के संबंध लगातार स्वस्थ रूप से विकसित हो रहे हैं। हाल के कई वर्षों में दोनों देशों के नेताओं ने बारी-बारी आपसी यात्रा की। अर्थव्यवस्था, व्यापार, ऊर्जा, मानव आदि क्षेत्रों में दोनों देश के सहयोग लगातार विस्तृत हो रहे हैं, और समृद्ध उपलब्धियां भी प्राप्त हुईं। गत वर्ष चीन व तुर्कमेनिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार की रकम 10.3 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गई। जिससे चीन तुर्कमेनिस्तान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया। ऊर्जा सहयोग दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक ध्यानाकर्षक बात है। दोनों पक्षों के सहयोग द्वारा निर्माण चीन-तुर्कमेनिस्तान प्राकृतिक गैस पाइप चीन में स्थित पाइपों से जुड़कर विश्व में सब से लंबी सीमा पार प्राकृतिक गैस पाइप बन गया, जिस की कुल लंबाई 8 हजार किमी है।
तुर्कमेनिस्तान राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग की मध्य एशिया यात्रा का पहला पड़ाव है। इसके बाद वे कजाखस्तान, उजबेकिस्तान व किर्गिस्तान की राजकीय यात्रा करेंगे, और 5 से 6 सितंबर तक रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित जी 20 के 8वें शिखर सम्मेलन और 13 सितंबर को किर्गिस्तान में आयोजित शांघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के शिखर परिषद के 13वें सम्मेलन में भाग लेंगे।
चंद्रिमा