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सीरिया में कार्रवाई पर ओबामा का भाषण
2013-09-02 16:33:21

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 31 अगस्त को सीरिया पर सैन्य कार्रवाई करने से जुड़ी एक रिपोर्ट दी। इस पर मध्यपूर्व के विभिन्न देशों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अधिकतर सीरियाई नागरिक इस धमकी के सामने बहुत शांत दिखे। पर कतर जैसे खाड़ी के देशों की मीडिया ने इस बात पर बड़ा ध्यान दिया। इस बारे में विस्तार से एक रिपोर्ट।

सीरिया के विपक्षी दलों के राष्ट्रीय गठबंधन के प्रवक्ता लौए साफ़ी ने ओबामा के भाषण पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि ओबामा को इस भाषण में सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने का ठोस समय बताना चाहिये था। लेकिन खेद की बात है कि ओबामा ने यह काम अमेरिकी संसद पर छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ओबामा का भाषण सुनकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ है। उनके पास सीरिया सरकार के खिलाफ़ कार्रवाई करने का अधिकार और जिम्मेदारी है। लेकिन वे संसद से अनुमति मांग रहे हैं। संदेह की बात यह है कि उन्होंने ऐसा भाषण क्यों दिया। वास्तव में किसी ने नहीं सोचा था कि वे संसद में विचार-विमर्श के बाद कार्रवाई करेंगे।

हालांकि धमकी आ रही है, लेकिन 1 सितंबर को सीरिया की राजधानी दमिश्क में स्थिति सामान्य थी। यातायात सुचारू रूप से चल रही थी, और आम लोग भी पहले की ही तरह काम करते दिखे। दोपहर बाद शहर के कुछ पार्कों में लोग घूम रहे थे, बातचीत करने के साथ-साथ हंसते दिखे। ऐसा नहीं लग रहा था कि यह शहर सैन्य कार्रवाई का शिकार बनेगा। आम लोगों की नजर में सीरिया ने विदेशी आक्रमण का मुकाबला करने की तैयारी की है।

कुछ सीरियाई लोगों ने कहा, हम अमेरिका से नहीं डरते, हम राष्ट्रपति बशर के साथ हैं। सरकारी सेना हमारी रक्षा करेगी।

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने भाषण दिया, लेकिन हम इससे नहीं डरते। हम अपने देश में जीवन बिताएंगे, घर में रहते हैं, बाहर आनंद उठाएंगे। हम कभी नहीं डरेंगे।

हम ओबामा से नहीं डरते, हमने अच्छी तैयारी भी की है। शायद सारी दुनिया इस धमकी से डरती है, लेकिन हम नहीं। हमने अच्छी तरह से इस की तैयारी की है।

उधर खाड़ी देश कतर ने इस बात पर अपना प्रत्यक्ष रुख नहीं जताया है। लेकिन इस देश की सबसे लोकप्रिय अरबी अख़बार अल शार्क ने रिपोर्ट देकर यह चेतावनी दी कि अगर जल्द ही सीरिया सरकार के खिलाफ़ संबंधित कार्रवाई नहीं की गई तो सीरिया में संकट और गंभीर होगा।

ब्रिटेन के रक्षा व सुरक्षा अध्ययन के लिए शाही संयुक्त सर्विसेस संस्थान की कतर शाखा के अनुसंधान कर्ता मैक स्टेफ़ेंस ने संवाददाता से कहा कि हालांकि वर्तमान में कतर सरकार इस बात का कोई जवाब नहीं दिया है। लेकिन यह साबित नहीं होता है कि उसका रुख बदलेगा। बीते डेढ़ साल में कतर लगातार सीरिया के विपक्षी दलों का समर्थन देता रहा है। और आशा है कि वे बशर के शासन को खत्म कर सकेंगे। उन्होंने कहा, क़तर अमेरिका को सीरिया के खिलाफ़ सैन्य कार्रवाई करने का समर्थन देता है। उसने केवल स्पष्ट रूप से अपना रुख नहीं बताया। क़तर को हमेशा इस पर विश्वास है कि अमेरिका की सैन्य कार्रवाई से बशर को सज़ा मिलेगी। और सीरियाई सरकारी सेना को भी नुकसान पहुंचेगा।

चंद्रिमा

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