चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता यांग यू ज्वून ने 29 अगस्त को पेइचिंग में संबंधित वक्तव्य के जवाब में यह कहा कि हथियार व उपकरणों के निर्माण के बहाने से चीन-भारत संबंधों में तनाव पैदा करना निराधार है।
रक्षा मंत्रालय के नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि भारत चीन के खिलाफ़ विमान-वाहक पोत का विकास कर रहा है। और एशिया में नौसेना के उपकरणों की विश्व में सबसे तीव्र प्रतिस्पर्द्धा शुरू हुई है। इस बारे में चीन का क्या ख्याल है?
इस पर यांग ने कहा कि हमारे विचार में चीन व भारत सहयोग के साझेदार होने के साथ साथ महत्वपूर्ण पड़ोसी देश भी हैं। दोनों के बीच सामंजस्यपूर्ण रूप से जीवन बिताना और समान विकास करना दोनों देशों की जनता के बुनियादी हितों से मेल खाता है। उक्त कथन ने हथियार व उपकरण के निर्माण के बहाने से चीन-भारत संबंधों को भड़काया, जो निराधार है और इसमें सदिच्छा का अभाव भी है।
साथ ही यांग ने कहा कि चीन-भारत इस वर्ष छंगदू में हाथ में हाथ- वर्ष 2013 नामक एक आतंक विरोधी संयुक्त सेनाभ्यास करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच आपसी विश्वास की मजबूती, व्यवहारिक सहयोग को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता की रक्षा करना है। दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने इस संयुक्त अभ्यास से जुड़े मामलों पर दो बार विचार-विमर्श किया है।
चंद्रिमा