इस मैच के टिकट बहुत जल्दी बिक गए। अफगान टीम ने दस हजार फुटबाल प्रेमियों की वाहवाही में भारी श्रेष्ठता प्राप्त की। पूरे मैच में पाकिस्तान टीम के पास केवल तीन बार गोल करने का अवसर आया। लेकिन अफगान टीम ने 15 बार गोल पोस्ट के नज़दीक आक्रमण किया। मैच के बाद अफगान टीम के प्रमुख प्रशिक्षक ने कहा कि हमारी यह जीत अफ़गानी जनता के नाम है। अफगान टीम के पास अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने की क्षमता भी है।
आतंक विरोधी मामले पर मतभेदों होने के कारण वर्तमान में अफगानिस्तान व पाकिस्तान के संबंधों में तनाव पैदा हुआ है। अफगान फुटबाल लीग के प्रधान शाफ़िक गावहरी ने यह आशा जताई है कि इस प्रतियोगिता से दोनों के अंतर्विरोध दूर होंगे। उन्होंने कहा, हमें आशा है कि इस प्रतियोगिता से बाहर के लोग यह देख सकते हैं कि अफगानिस्तान व पाकिस्तान दोनों अच्छे दोस्त हैं। हमारे बीच कोई समस्या नहीं है।
मैच को देखने पहुंचे एक फुटबाल प्रेमी हाकिम ने भी शांति की इच्छा जातायी। उन्होंने कहा, आज एक खास दिन है। क्योंकि मैच का महत्व फुटबाल के बाहर हो गया। अहम बात यह है कि मैच में हमारा प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान है, जिसका हमारे साथ संबंधों में तनाव है। मुझे आशा है कि इस मैच से अफगान जनता की शांति इच्छा प्रतिबिंबित हो सकेगी।
वर्ष 2003 में भी अफगानिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल टूर्नामेंट का आयोजन किया था। उस बार अफगानिस्तान 0:2 से तुर्कमेनिस्तान से हार गया। इसके बाद युद्ध आदि कारणों से इस देश ने दस सालों में ऐसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया। अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल संघ द्वारा जारी ताज़ा रैंकिंग के अनुसार अफगानिस्तान की टीम विश्व में 139वें स्थान पर रही। पर हाल के दिनों में उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। लगातार तीन मैचों में उसने जीत दर्ज की, और श्रीलंका व मंगोलिया को हराया। फुटबाल फैन हाकिम ने कहा कि फुटबाल अफगान जनता के सबसे पसंदीदा खेलों में से एक है। उन्होंने कहा, अफगान जनता फुटबाल खेलना बहुत पसंद करती है। अधिकतर फेंस प्रसिद्ध लीग पर ध्यान देते हैं। उदाहरण के लिये इंगलिश प्रीमियर लीग, स्पेनिश प्रीमियर लीग, और जर्मन बांदेस लीग आदि।
चंद्रिमा