चीन स्थित भारतीय राजदूत जयशंकर ने 28 अगस्त को भारत-चीन व्यापार पूंजी-निवेश मंच में कहा कि च्यांगशी के साथ सहयोग करना पूंजी-निवेश पर भारत-चीन के सहयोगों में एक महत्वपूर्ण कदम है। वे दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक सहयोग में च्यांगशी को एक महत्वपूर्ण मंच बनाने की प्रतीक्षा में हैं।
इस मौके पर जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन के मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान का इतिहास बहुत लंबा है। फार्मास्यूटिकल व आईटी आदि क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोगों का अच्छा आधार भी है। आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्र में भारत का बाजार खुला है। अब हम भारत व चीन के च्यांगशी प्रांत के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। आशा है च्यांगशी के ज्यादा उपक्रम भारत को समझ सकते हैं और भारत में व्यापार का मौका मिल सकेगा।
च्यांगशी प्रांत के उपप्रधान हू यो थाओ ने कहा कि हाल के कई वर्षों में च्यांगशी व भारत के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग अच्छी तरह से चल रहे हैं। और इसकी निहित शक्ति व गंजाइश भी बहुत बड़ी है। आशा है कि भारतीय उपक्रम च्यांगशी में उच्च स्तर विनिर्माण उद्योग, बायो-फार्मास्यूटिकल, आधुनिक सेवा व्यवसाय आदि में पूंजी लगाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि स्थानीय सरकार भारत में च्यांगशी के उपक्रमों को विनिर्माण, नयी ऊर्जा, निर्माण परियोजना आदि क्षेत्रों में पूंजी लगाने के लिए प्रोत्साहन देगी। साथ ही पर्यटन, वित्त व निर्माण परियोजना आदि क्षेत्रों में दोनों के लिए लाभदायक सहयोगों को मजबूत करेगी।
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2012 में भारत के प्रति च्यांगशी की आयात-निर्यात रकम 79 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गयी। केवल इस वर्ष के जनवरी से जुलाई तक यह रकम 94 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गयी।
चंद्रिमा