अमेरिका के वाशिंगटन की एक सैन्य अदालत ने 23 अगस्त को अमेरिकी सैनिक रॉबर्ट बेल्स द्वारा 16 अफगान नागरिकों को मारने के आपराधिक मामले पर फैसला सुनाया। उसे आजीवन कारावास की सजा दी गयी और पैरोल पर भी उसकी रिहाई नहीं हो सकेगी। लेकिन इस घटना में मारे गए लोगों के परिजन और जीवित व्यक्ति मानते हैं कि फैसला निष्पक्ष नहीं है।
इस घटना में मारे गए एक व्यक्ति के रिश्तेदार अब्दु बाच ने 24 अगस्त को शिनह्वा समाचार एजेंसी के संवाददता के समक्ष रोष जताया। उन्होंने कहा कि उसके परिवार के तीन सदस्य बेल्स द्वारा मारे गये। यह गोलीबारी अफगानिस्तान में हुई। इसलिए अफगानिस्तान में मुकदमे की सुनवाई की जानी चाहिए।
बताया जाता है कि मृतकों के अधिकतर परिजनों का आरोप है कि बेल्स को उसके अपराध की तुलना में कम सजा दी गयी। अफगानिस्तान में उसे वापस लाकर मौत की सजा दी जानी चाहिए।
अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई ने 24 अगस्त को न्यूज ब्रीफिंग में आशा जतायी कि अमेरिका मृतकों के परिजनों को और ज्यादा सहायता देगा, ताकि उनका जीवन स्तर सुधर सके। पिछले साल 11 मार्च को अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिक रॉबर्ट बेल्स ने दो गांवों में घुसकर ग्रामीणों पर गोलियां चलायीं, जिसमें महिलाओं व बच्चों से समेत 16 लोग मारे गए। इसके बाद उसने कुछ शवों को जला दिया।
(मीनू)