लिन डेन व शन लुङ के मैच में दर्शक किस खिलाड़ी को समर्थन दें, इस बात पर दुबिधा में दिखे। लिन डेन कई वर्षों से बैडमिंटन के मैदान पर किंग हैं, इसलिये उनके फ़ेंस बहुत हैं। लेकिन मैच में शन लुङ का प्रदर्शन देखकर दर्शकों ने भी उनके लिये तालियां बजायी। मैच के बाद लिन डेन ने कहा, विश्व चैंपियनशिप में मेरी हिस्सेदारी अन्य खिलाड़ियों के लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है। पर मुझे विश्वास है कि मेरे कई प्रतिद्वंद्वी ज़रूर यह सोच रहे होंगे कि हाए, भगवान!ये फिर आ गया है।
इस मैच में लिन डेन ने 21:13 व 22:20 से शन लुङ को हराया। गौरतलब है कि लिन डेन पिछले 6 महीने से बैडमिंटन कोर्ट से बाहर अपने परिवार के साथ समय बिता रहे थे। इस दौरान शन लुङ ने चीनी मास्टर्स, बैडमिंटन सुपर सीरीज, हांगकांग ओपन व फ़ाइनल के साथ ही ऑल इंग्लैंड ओपन भी जीता। लेकिन अब लिन डेन आ गए हैं। तो मैच में उनकी सभी कोशिश बेकार रही। क्योंकि लिन डेन एक साधारण खिलाड़ी नहीं हैं। शन लुङ ने कहा, लिन डेन ने कई बार विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया, और कुल चार बार चैंपियन बने। हर बार उन्हें कुछ अनुभव हासिल होता है। इसलिये मुझे भी आशा है कि लगातार बड़ी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से अपनी नियंत्रण क्षमता को उन्नत कर सकूंगा। ताकि अधिक परिपक्व हो सकूं।
जीत से वाकिफ लिन डेन मैच में अच्छी तरह से कंट्रोल कर सकते हैं। उन्होंने कहा, हर मैच में मेरे तमाम प्रशंसक मेरा समर्थन देते हैं। मुझे लगता है कि यह एक बहुत खुशी की बात है। इसलिये मैं ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देता कि वे फिर क्यों आए हैं, अब विश्व रैंकिंग में वे पहले सौ में भी नहीं हैं. पर कोई बात नहीं है। मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं।
उधर लिन डेन के पुराने प्रतिद्वंद्वी ली छोंग वेई कहते हैं कि अगर लिन डेन को चैंपयिनशिप जीतनी है तो कोई उनके हाथों से इसे नहीं छीन सकता। उन्होंने कहा, अगर हम लिन डेन की चर्चा करें तो, मेरे विचार में शन लुङ के साथ आज के मैच में वे बिल्कुल अलग नज़र आए। चैंपियन बनने के लिए वे सभी कुछ कर सकते हैं। लिन डेन सचमुच एक प्रतिभा हैं।
इस बार की विश्व चैंपियनशिप में लिन डेन व ली छोंग वेई ने बार बार कहा कि उन्हें आशा है कि मैच में वे शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं। अंत में लिन डेन ने लोगों को निराश नहीं किया। 11 अगस्त को आयोजित पुरुष एकल के फ़ाइनल में उन्होंने ली छोंग वेई को 2-1 से हराकर पांचवी बार विश्व चैंपियनशिप अपने नाम की।
पुरूष एकल के बाद अब हम महिला एकल की बातें करते हैं। इस बार की विश्व चैंपियनशिप में सबसे अहम बात शायद यह है कि 18 वर्षीय भारतीय युवा महिला खिलाड़ी पी.वी.सिंधु ने चीन की दो खिलाड़ियों वांग ई हान व वांग शी श्येन को हराया। मैच के बाद सिंधु ने कहा कि क्योंकि वे बहुत युवा हैं, उन पर ज्यादा दबाव नहीं था। साथ ही उनके प्रशिक्षक पी. गोपीचंद, जो ऑल इंग्लैंड ओपन के चैंपियन रह चुके हैं, ने उन्हें अच्छी तरह से प्रशिक्षण दिया। इसलिये वे मैच में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकी। उन्होंने कहा, तकनीक पर ज्यादा फ़र्क नहीं है। पर चीनी खिलाड़ी बहुत श्रेष्ठ हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे प्रशिक्षक ने मुझे कुछ अहम सलाह दी। और मैंने इसे मैच में इसे आजमाया। मेरी जीत का यही कारण है।
वांग शी श्येन व ली श्वेए रेइ के अनुसार सिंधु एक शक्तिशाली खिलाड़ी हैं। चीनी बैडमिंटन टीम पहले से ही उन पर ध्यान देती है। लेकिन अब तक चीनी खिलाड़ियों के पास उन्हें हराने की तकनीक नहीं है।
पर खेद की बात है कि 10 अगस्त को महिला एकल के सेमी फ़ाइनल में थाइलैंड की खिलाड़ी रतचानोक इनथानोन ने सिंधु को 2-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। भले ही क्वांगचो में भारतीय युवा खिलाड़ी सिंधु का सफर सेमी फाइनल में ही थम गया हो। लेकिन हमें विश्वास है कि उनका भविष्य ज़रूर और उज्जवल होगा।
चंद्रिमा