मेदवेदेव द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेज के अनुसार यह पूंजी सीधे रूसी वित्त व्यवस्था से आएगी। और इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर वोलगोग्राद व कालिनिंग्राद समेत सात क्षेत्रों, जो वर्ष 2018 के विश्व कप का आयोजन करने वाले स्थल हैं, में फुटबॉल स्टेडियमों के निर्माण व सुधार में किया जाएगा। अहम बात यह है कि उक्त राशि केवल वर्ष 2013 में खर्च होगी। और इससे पहले रूस की केंद्रीय व क्षेत्रीय सरकारों ने बड़ा निवेश किया है। इसलिये केवल इस वर्ष विश्व कप की तैयारी के लिये रूस 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर से ज्यादा खर्च करेगा।
वर्ष 2018 रूसी विश्व कप की आयोजन कमेटी द्वारा जारी योजना के अनुसार आगामी पाँच वर्षों में रूस कुल 6.6 खरब रूबल का खर्च करेगा, यानी वह 20 अरब अमेरिकी डॉलर लगाकर विश्व कप की तैयारी करेगा। इसमें रूस की केंद्रीय सरकार लगभग 11 अरब अमेरिकी डॉलर की पूंजी लगाएगी, और क्षेत्रीय सरकार लगभग 3.3 अरब अमेरिकी डॉलर देगी। बाकी लगभग 6.3 अरब अमेरिकी डॉलर बजट को छोड़कर अन्य तरीकों से किया जाएगा।
रूस द्वारा की जा रही इस तैयारी का मुख्य कारण यह है कि विश्व कप का आयोजन करने वाले शहरों की बुनियादी सुविधाएं कमजोर हैं। रूस के 11 आयोजन शहरों में मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग व कज़ान के अलावा अन्य सभी शहरों की बुनियादी सुविधाएं अपेक्षाकृत पिछड़ी हैं। न सिर्फ़ खेल मैदान, बल्कि यातायात, होटल आदि भी विश्व कप की मांग को पूरा नहीं कर सकती। साथ ही मॉस्को व सेंट पीटर्सबर्ग के फुटबॉल मैदानों का प्रयोग भी कई दशकों में किया जाता है। अगर विश्व कप का आयोजन करना है, तो उनका सुधार करने की ज़रूरत है। इसलिये बहुत खर्च की ज़रूरत है। वर्तमान में केवल कज़ान का खेल मैदान इस्तेमाल के लिए तैयार है। अन्य सभी मैदान डिज़ाइन व तैयारी के दौर में हैं। इसके अलावा शहरी बुनियादी सुविधाओं में भी सुधार करना पड़ेगा, इसलिये वास्तव में पांच साल का तैयार समय काफ़ी नहीं है।
कुछ समय पहले ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने यह चेतावनी दी कि रूस की आर्थिक वृद्धि धीमी होने के कारण और केंद्रीय सरकार ने पूंजी-निवेश के ठोस स्रोत व मात्रा की पुष्टि भी नहीं की। इसलिये रूस में विश्व कप का आयोजन करने वाले अधिकतर शहरों को पर्याप्त पूंजी नहीं मिलेगी। और क्षेत्रीय सरकार के सामने गंभीर चुनौती पैदा होगी। यहां तक कि दिवालियापन की संभावना भी होगी। कुछ विश्लेशकों के ख्याल से मेदवेदेव सरकार ने इस बार विश्व कप के लिये ठोस बजट की पुष्टि की, और क्षेत्रों को बड़ी पूंजी देने का वादा किया।
चंद्रिमा