वर्तमान में भारत में पांच सितारा होटलों में बड़े पैमाने पर निर्जन सामग्री पैदा होने और जल संसाधन का दुरुपयोग की स्थिति बहुत ही गंभीर है। इसलिये भारतीय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति ने इस बारे में एक "हरित योजना" बनाई है। इस मसौदे को 12 अगस्त को पर्यावरण विभाग की निदेशक सुश्री जयंती नटराजन द्वारा लोकसभा को सौंपा गया। भारतीय मीडिया ने हाल ही में यह रिपोर्ट दी।
हरी योजना में कहा गया है कि पांच सितारा होटलों को दिन में ही बचे हुए स्वच्छ भोजन को स्थानीय धर्मशाला या भोजन बैंक को देना चाहिये। खाने को बेकार होने से बचाने के लिये पांच सितारा होटलों को अपने ग्राहकों के लिये आधे प्लेट भोजन की भी दाम सूची देना चाहिए।
इसके अलावा जयंती नटराजन ने देश में सभी पंचतारा होटलों से शीघ्र ही पर्यावरण संरक्षण के लिये कदम उठाने की अपील भी की है।
(रमेश)