"राजकुमारी वनछङ" नाम के वास्तविक दृश्य पर बने लधु नाटक का पहला प्रदर्शन पहली अगस्त को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में ल्हासा नदी के किनारे बसे छीच्योलिंग गांव में किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार " राजकुमारी वनछङ" नाम के इस नाटक में थांग राजवंश के गीत-नृत्य, तिब्बती क्षेत्र में प्राचीन समय से लोकप्रिय रहे तिब्बती नृत्य, तिब्बती औपेरा और बौद्धिक वेद जैसे कलात्मक रूप शामिल हैं।
ऐसा कहा जा सकता है कि "राजकुमारी वनछङ" नाम का यह नाटक तिब्बत का एक सांस्कृतिक कार्ड है। नाटक ल्हासा के प्राकृतिक दृश्य की पृष्ठभूमि पर शिल्प निर्मित स्टेज और उच्च तकनीक वाला ऑडियो-वीडियो प्रोद्योगिकि से सन् 618 से 907 तक चीन के थांग राजवंश में राजकुमारी वनछङ और तत्कालीन तिब्बत के थूपो वंश के राजा सोंगचान कानपू के बीच प्रेम कहानी सुनाई गई।
राजकुमारी वनछङ राजा सोंगचान कानपू के साथ शादी के लिए भीतरी इलाके में थांग राजवंश की राजधानी छांगआन से हज़ार किलोमीटर दूर स्थित छिंगहाई-तिब्बत पठार पर गई, जिन्होंने चीनी हान जाति और तिब्बती जाति के बीच आर्थिक, सामाजिक और जातीय सांस्कृतिक आवाजाही को बढ़ाने के लिए अहम योगदान किया था।
(रमेश)