स्थानीय समयानुसार 30 जुलाई के तीसरे पहर दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल के बांघवा ब्रेज के निर्माण-स्थल पर हुई दुर्घटना में 2 मजदूर मारे गए और अन्य एक घायल हुआ। ये तीनों लोग चीन से हैं। अब भी दुर्घटना के कारणों की जांच हो रही है। इससे दो हफ्ते पहले सोल में ही एक जल-पाइप लाइन के निर्माण-स्थल पर हुई दुर्घटना में भी 3 चीनी मजदूरों की मौत हुई थी। निर्माण-स्थलों पर लगातार दुर्घटनाएं होने को लेकर दक्षिण कोरिया के मीडिया ने सरकार की यह कहकर आलोचना की कि उसने निर्माण-कार्य के नियमन में ढीलेपन बरता है।
रिपोर्टों के अनुसार मंगलवार के तीसरे पहर 1 बजकर 8 मिनट पर बांघवा ब्रेज के दक्षिणी छोर के निर्माण-स्थल पर 4 मजदूर काम कर रहे थे। उनमें से दो व्यक्ति करीब 7 मीटर ऊंचे पुल पर थे, वहां 8 टन भार का एक मशीन-वाहन भी था। अचानक वह वाहन अपना संतुलन खोकर पलट गया, जिससे 45 मीटर लम्बा, 3 मीटर चौड़ा और 190 टन भार वाला एक स्तंभ का ढांचा टूटकर ढह गया। फलस्वरूप पुल पर काम कर रहे दो चीनी मजदूर और पुल के नीचे एक चीनी मजदूर को मलबे के नीचे दब गए।
बचावकर्मियों ने सब से पहले उन तीनों में से एक को मलबे से बाहर निकालकर बचा लिया। उन का नाम किम है और वो इस साल 60 वर्ष के हैं। उन्हें जल्द ही नजदीक के एक अस्पताल ले जाया गया। सूत्रों के अनुसार उन के सिर में रत्नस्राव हुआ और शरीर के कई अंगों पर हड्डियां टूटीं। बावजूद इसके उन की हालत इस समय मोटे तौर पर स्थिर है। इसके बाद बचावकर्मियों ने मलबे में से अन्य दो चीनी मजदूरों को बाहर निकाला, लेकिन दोनों मृत पाए गए। वे क्रमशः 52 वर्षीय छ्वी और 50 वर्षीय श्वी थे। दक्षिण कोरिया में चीनी दूतावाल के जनरल कांसल ह ईन ने हमारे संवाददाता से कहा कि इस दुर्घटना के बारे में सूचना मिलने के तुरंत बाद दूतावास ने अपने अधिकारियों को घटनास्थल भेजा है और मांग की है कि वे कोरियाई पक्ष को पूरा सहयोग दें, ताकि दुर्घटना के कारणों का जल्द ही पता चल सका और दुर्घटना के बाद के मामलों का समुचित निपटारा हो सके। उधर सोल के मेयर ने घटनास्थल पर जानकारी दी कि सोल की नगरपालिका दुर्घटना के जांच-काम और घायलों के इलाज, मृतकों के अंतिम संस्कार एवं मुआवजे जैसे मामलों में जुटी है। उन्होंने देश के विदेश मंत्रालय से चीनी मजदूरों के परिजनों को दक्षिण कोरिया आने में सुविधा देने की मांग की।
इधर एक अवधि में दक्षिण कोरिया में इंजीनिरिंग पर निर्माण-कार्य के दौरान कई दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें अनेक चीनी मजदूर या तो मारे गए या घायल हुए। अभी बीते आधे महीने के भीतर सोल में लगातार निर्माण-कार्य से जुड़ी दो दुर्घटनाएं घटीं। गत 17 जुलाई को जल-पाइप लाइन बनाने के एक स्थल पर हुई दुर्घटना में 3 चीनी मजदूरों समेत 7 लोगों की जान चली गई थी। अभी हुई ताजा दुर्घटना में मारे गए चीनी मजदूरों को जोड़ दे, तो सोल में निर्माण-काम करने वाले चीनी मजदूरों में से अब तक 5 लोग मारे गए हैं।
यद्यपि इन दो दुर्घटनाओं के घटित होन के कारण अलग-अलग हैं। लेकिन अब तक मिली सूचनाओं से मालूम हुआ है कि निर्माण-कार्य के नियमन में बरती असावधानी दोनों दुर्घटनाओं की जड़ है। जल-पाइप लाइन के निर्माण-स्थल पर जो दुर्घटना हुई थी, वह इससे लगी हानच्यांग नदी के जलस्तर के बढने की गति का सही पता नहीं चलने के कारण घटित हुई थी। जब संबंधित अधिकारियों ने खतरे का अहसास होकर मजदूरों को निर्माण-स्थल से हटने का आदेश दिया था,तो बहुत देरी हो चुकी थी। इस बार बांघवा ब्रेज के निर्माण-स्थल पर जो दुर्घटना हुई, वह पुल पर मशीन-वाहन के संतुलन खोकर उलट जाने से घटित हुई है। लेकिन ऐसा कैसे हुआ, इससे पहले वाहन में कोई गड़बड़ी पैदा थी कि नही, इस का पता लगाने की कोशिश किसी भी अधिकारी ने नहीं की।
दूसरी तरफ़ दोनों दुर्घटनाओं से एक सा सवाल उभरकर सामने आया है, वह है काम करने वाली कंपनियों की आर्थिक शक्ति एवं साख से जुड़ा सवाल। सूत्रों के अनुसार जल-पाइल लाइन बनाने वाली एक कंपनी पर निविदा के दौरान भी आर्थिक शक्ति संबंधी सवलिया निशान लग चुका था, जबकि बांघवा ब्रेज का निर्माण करने वाली कंपनी को वर्ष 2010 में निर्माण-कार्य संबंधी एक दुर्घटना के लिए अदालत द्वारा भारी धनराशि की मुआवजा की सज़ा सुनाई गई थी।
गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया में 4 लाख से अधिक चीनी मजदूर काम कर रहे हैं, जिनका अधिकांश भाग कोरियाई जाति का है। समान भाषा बोलने से उनके लिए दक्षिण कोरिया में काम पाना अपेक्षाकृत आसान है, लेकिन वे वहां आम तौर पर खतरनाक और कठिनतम काम करते हैं।