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बाघ-संरक्षण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढाओः चीन
2013-07-30 15:27:08

दोस्तो, 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस है। इसके अवसर पर जंगली बाघों एवं अन्य लुप्तप्राय वन्य जीव-जंतुओं और वनस्पत्तियों के संरक्षण तथा वन्य जीव-जंतुओं की तस्करी पर प्रहार संबंधी एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी चीन के युननान प्रांत की राजधानी खुनमिंग शहर में आयोजित हुई। चीन, भारत औऱ रूस जैसे 12 देशों, जिनमें बाघ पाए जाते हैं, विश्व बैंक और विश्व प्रकृति कोष आदि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों एवं संस्थाओं के 130 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस संगोष्ठी में बाघ और अन्य दुर्लभ एवं कीमती वन्य जानवरों की रक्षा पर विचार-विनिमय किया।

बीते एक दशक से अधिक समय में मानव-समाज का तेज विकास होने के कारण दुनिया में वन्य जीव-जंतुओं की किस्मों में मुख्य स्थान रखने वाले जंगली बाघों की संख्या कम होती जा रही है। यहां तक कि वे विनाश के कंगार पर पड़ गए हैं। चीन में 4 किस्मों के बाघ पाए जाते हैं। उनमें से पूर्वोत्तर के हेलुंगच्यांग प्रांत और चीलिन प्रांत में स्थित छांगपाईशान पर्वत पर रहने वाले बाघ विश्व में 10 प्रमुख विलुप्तप्राय कीमनी किस्मों के जीवजंतुओं में शामिल हैं। अब उनकी संख्या 20 से भी कम बतायी गई है। दक्षिण चीन में पाए जाने वाले एक किस्म का बाघ चीन का विशेष बाघ और सभी बाघों का पूर्वज माना गया है। यद्यपि जंगलों में इस तरह के बाघों के घूमने के बारे में कभी रिपोर्टें दी गई हैं, लेकिन पिछले 20 सालों से ज्यादा समय में किसी ने भी अपनी आंखों से जंगलों में उन्हें नहीं देखा है। उधर लाओस एवं वियतनाम से सटे युननान प्रांत में रहने वाले बंगाल बाघ से मिलते-जुलते एक नस्ल के विशेष बाधों के अस्तित्व की स्थिति भी दिनोंदिन चिंताजनक होती जा रही है। पेइचिंग वानिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शी-खुन ने कहाः

`बीते 30 वर्षों में हम ने जो रिकार्य किया है, उसके अनुसार युननान प्रांत के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में बंगाल बाघ से मितले-जुलते एक नस्ल के बाघ पाए गए हैं। प्रारंभिक सर्वेक्षण करके हम ने पाया है कि इस तरह के बाघ मुख्य रूप से शीश्वांगपानना में रहते हैं। लेकिन उन के रहने का क्षेत्र कम होता दिख रहा है।`

पिछली शताब्दी के 80 वाले दशक में चीन ने बाघों को पूरा संरक्षण देने का अभियान शुरू किया, जिसके तहत बाघों के शिकार पर पूरी पाबंदी लगाई गई है। वर्ष 1988 में बाघ को पहले दर्जे के राष्ट्रीय संरक्षण प्राप्त वन्य जीव-जंतुओं की सूची में शामिल किया गया। चीनी राजकीय वानिकी ब्यूरो के उपप्रमुख ईं हुंग के अनुसार चीन हमेशा वन्य बाघों की रक्षा एवं वन्य जीव-जंतुओं की तस्करी पर प्रहार को भारी महत्व देता है। चीन के जिन क्षेत्रों में जहां वन्य बाघ रहते हैं, 30 से अधिक प्राकृतिक संरक्षण-केंद्र और 70 से ज्यादा बुनियादी संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र बनाए गए हैं। प्राकृतिक संरक्षण केंद्र बनाने, बाघों की हड्डियों से दवाएं बनाने और बाघों की हड्डियों का व्यापार करने पर पाबंदी लगाने तथा जंगली बाघों का शिकार करने जैसे अवैध कार्यवाहियों पर सख्त प्रहार करने वाले कदमों के जरिए चीन में जंगली बाघों के जीवन की स्थिति में बड़ा सुधार आया है। ईन हुंग ने कहाः

`प्राकृतिक जगलों को संरक्षित करने, खेतों को जंगलों में बहाल करने और वन्य जानवरों एवं वनस्पतियों की रक्षा के लिए संरक्षण-क्षेत्र बनाने जैसी पारिस्थितिक पर्यावरण को निर्मित करने वाली परियोजनाओं के माध्यम से चीन में वन्य बाघों के जीवन और प्रजन्न की स्थिति सुधर रही है।`

अब चीन में वन्य जीव-जंतुओं और उन के रहने वाले क्षेत्रों को पूरी तरह से संरक्षित करने की व्यवस्था लागू की जा रही है। पूरे देश के कुल क्षेत्रफल के 13 प्रतिशत भाग पर वन्य जानवरों के लिए 2150 प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र बनाए गए हैं। इससे राष्ट्रीय प्राथमिकता प्राप्त 85 प्रतिशत से भी अधिक वन्य जानवारों को प्रभावी संरक्षण मिला है। युननान प्रांत के उप महापौर शन फे-फिंग के अनुसार युननान प्रांत ने पिछले दसियों वर्षों में वन्य जीव-जंतुओं एवं वनस्पतियों की रक्षा के लिए बहुत सारे काम किए हैं, जिससे विलुप्तप्राय मूल्यवान वन्य जानवरों एव वनों को पूरा संरक्षण मिला है। वन्य जानवरों के रहने वाले क्षेत्र और पारिस्थितिक पर्यावरण के बेहतर होने के साथ-साथ उन के प्रजन्न में भी बढोती हुई है। मिसाल के तौर पर खूबसूरत सुनहरे बाल वाले बन्दरों की संख्या बढकर वर्तमान में 2000 तक पहुंची है, जबकि पिछली सदी के 80 वाले दशक में यह संख्या केवल 1400 थी। शन फे-फिंग ने कहा कि अनेक संरक्षण वाले कदम उठाने से जाहिर है कि चीन वन्य जीव-जंतुओं की रक्षा के प्रति दिए गए अपने वचनों को हकीकत में बदलने की कोशिश कर रहा है। उन का कहना हैः `युननान प्रांत में हाथियों और काले बाल एवं लम्बे बॉह वाले वानरों समेत जानवरों के लिए भोजनालय और स्वास्थोद्धार गृह भी बनाए गए हैं। बेहतर सेवा प्राप्त कर हाथियों की संख्या 5 से बढकर 80 से अधिक हो गई है, काले बाल एवं लम्बे बॉह वाले वानरों की तादाद पहले की 200 से बढकर अब करीब 600 हो गई है।`

गौरतलब है कि जंगली बाघों की रक्षा एवं वन्य जीव-जंतुओं की तस्करी पर प्रहार विभिन्न देशों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास की स्थिति से जुड़े हैं। इसलिए संबंधित काम को बखूबी अंजाम देने के लिए यह जरूरी है कि संबंधित देश एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठन आपस में सहयोग एवं समंवय बढाए।

चीनी राजकीय वानिकी ब्यूरो के उपप्रमुख ईं हुंग ने संगोष्ठी में अपील की कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उन देशों को, जहां बाघ पाए जाते हैं उन की अलग-अलग आर्थिक शक्तियों को ध्यान में रखकर वस्तुस्थिति के अनुसार कुछ वित्तीय सहायता दे, जिससे कि उन देशों में वन्य बाघों के संरक्षण-काम में आई कमी को दूर हो सके और इससे बढकर पूरी दुनिया में वन्य बाघों के संरक्षण एवं उन की तस्करी पर प्रहार के काम को बड़ा बढावा मिल सके।

 

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